पूर्व विधायक ने PM माेदी काे लिखी चिट्ठी, किसानों को राहत प्रदान करने की उठाई मांग

Edited By vinod kumar, Updated: 21 May, 2020 10:58 PM

former mla wrote a letter to pm modi

जुलाना विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक परमेन्द्र सिंह ढुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों को राहत प्रदान किए जाने की मांग रखी। उन्होंने मांग रखी है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पूरा प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाए। ताकि...

जुलाना (विजेंद्र): जुलाना विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक परमेन्द्र सिंह ढुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों को राहत प्रदान किए जाने की मांग रखी। उन्होंने मांग रखी है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पूरा प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाए। ताकि किसान को इस आर्थिक मुश्किल समय में सरकार की तरफ से और अधिक भरोसा व सहायता मिले।

उन्होंने कहा कि जहां किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए पूर्ण कर्जा माफी की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाएं जाने आवश्यक है, वहीं देशभर में स्वास्थ्य कर्मचारियों को दी जाने वाली 50 लाख रुपये की कोरोना बीमा योजना में किसानों को भी शामिल किया जाना चाहिए। 

ईमेल के जरिए भेजे इस पत्र में उन्होंने कहा कि इन सुझावों के पूरा होने से हताश हो चुके किसानों में भी पुनः नई उम्मीद मिलेगी और हौंसले का संचार होगा तथा सरकार के प्रति और अधिक विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की एक सिफारिश का हवाला देते हुए कहा कि जब तक किसान की आर्थिक स्थिति दोगुने मुनाफे वाले नहीं हो जाती, तब तक उससे कर्ज वसूली न की जाए। इसके अलावा कर्ज के ब्याज पर भी भारी राहत दी जाए ताकि इस आर्थिक संकट के समय पर किसान को भी एक बड़ी राहत मिले। जिससे कि वह आने वाली विपदा से लड़ने के लिए स्वयं को व समस्त राष्ट्र को तैयार कर सके।

परमेन्द्र ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक पैकेज की घोषणा के अलावा मजदूरों, श्रमिकों, मध्यम वर्गीय परिवारों एवं उद्योगों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू करने की घोषणाएं की हैं ताकि कोरोना से जितने के बाद अर्थव्यवस्था को भी पुनः पटड़ी पर लाया जा सके तथा देशवासियों को अधिक से अधिक राहत प्रदान की जा सके। ऐसे में किसान के रूप में एक वर्ग ऐसा है जो दिन रात एक करते हुए अपने हौसले से भी एक कदम आगे चलकर भारतवर्ष के लोगों का पेट भरने का कार्य कर रहा है।


महामारी के बीच ऐसी परिस्थिति में भी किसान अपनी जान माल की परवाह न करते हुए न केवल अनाज की पैदावार पूरी किए हुए है, अपितु अपनी जान की परवाह न करते हुए वह फल, सब्जी, दूध, पोल्ट्री आदि की भी लगातार सप्लाई में भी लगा है। वहीं लगातार होते मौसम बदलाव से  किसान को कहर का भी सामना करना पड़ा है। बीते कुछ वर्षों से लगभग प्रत्येक सीज़न में उसकी अधिकांश फसल बर्बाद हो रही हैं। इससे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने जींद - रोहतक हाइवे पर किलाजफरगढ़ ओवरब्रिज की मंजूरी प्राप्त की थी।

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