कैथल कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में पूर्व GM विजय गिरफ्तार, इस एवज ठेकेदार से खाते में डलवाए थे 60 हजार रुपए

Edited By Manisha rana, Updated: 07 Feb, 2024 09:32 AM

former gm vijay arrested in kaithal cooperative bank scam

मंगलवार को अम्बाला विजिलेंस टीम ने 2021 में कैथल के कॉपरेटिव बैंक में बतौर जीएम (महाप्रबंधक) पद पर रहे आरोपी विजय कुमार को ठेकेदार गुलाब सिंह से कमीशन के तौर पर 60 हजार रुपए अपने बैंक अकाउंट में डलवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर पूरे प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई चल रही है। जिस बिच प्रदेश के दो दर्जन से अधिक घोटालेबाज सलाखों के पीछे जा चुके हैं। इस घोटाले के तार कैथल से भी जुड़े हुए हैं। यहां हर रोज कोआपरेटिव बैंक घोटाले के नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी मंगलवार को अम्बाला विजिलेंस टीम ने 2021 में कैथल के कॉपरेटिव बैंक में बतौर जीएम (महाप्रबंधक) पद पर रहे आरोपी विजय कुमार को ठेकेदार गुलाब सिंह से कमीशन के तौर पर 60 हजार रुपए अपने बैंक अकाउंट में डलवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जिससे रुपयों की बरामदगी और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की जांच के लिए कोर्ट से दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। 

एंटी करप्शन ब्यूरो टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान सिंह ने बताया कि साल 2021 में जब ये कैथल कॉपरेटिव बैंक में जीएम पद पर तैनात थे। तब उन्होंने स्टेशनरी डिमांड के नाम पर ठेकेदार गुलाब सिंह से 60 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर लिए थे। जो इसकी बैंक स्टेटमेंट अनुसार इसके खाता में जमा होने पाए गए हैं। इस आधार पर उन्होंने इसे घोटाले का आरोपी मानते हुए आदमपुर से गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी अनुसार 2021 में जब ये कैथल कोआपरेटिव बैंक में जीएम थे। तो उस समय उन्होंने जिले के विभिन्न कोआपरेटिव बैंकों के लिए मोटे स्तर पर स्टेशनरी व कम्प्यूटर सहित अन्य सामान खरीदा गया था। जिसमें बड़े स्तर पर घोटाला किया गया था। इसी तरह प्रदेश के कई जिलों से भी ऐसे घोटाले सामने आने के बाद सरकार ने इस पूरे मामले की राज्य स्तर पर जांच करवाई थी। कई जिलों में यह घोटाला मिला जिसके तार कैथल से भी जुड़े पाए गए हैं।

 
घोटाले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता शक के घेरे में 

कोआपरेटिव बैंक घोटाले में जांच करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम हररोज नए-नए खुलासे कर रही है। इसी कड़ी में अब आरोपी जीएम विजय कुमार का कोर्ट से दो दिन का रिमांड हासिल किया गया है। जिस बिच टीम अब इस घोटाले से जुड़े विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता के बारे में भी जांच करेगी। क्योंकि टीम का मानना है की अक अधिकारी द्वारा इतने बड़े स्तर पर घोटाला करना संभव नही है। इस लिए घोटाले में संलिप्त विभाग के अन्य अधिकारी भी ए.सी.बी टीम की रडार पर हैं।

 
आरोपी व परिजनों की संपत्ति की भी होगी जांच

टीम इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान ने बताया की उच्च अधिकारियों के आदेशों अनुसार इस घोटाले में जितने भी अधिकारियों ने गबन किया है। उन सभी द्वारा अर्जित की गई संपत्ति और उनके परिजनों के नाम जो भी प्रॉपर्टी है।  उन सभी की भी जांच की जायेगी। इसके साथ ही आरोपियों द्वारा जिन भी रिश्तेदारों के बैंक खातों में रिश्वत की राशि ट्रांसफर की गई हैं। उनका भी का ब्यौरा लिया जाएगा। ताकि इस घोटाले से सरकार को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके।

 
पिछली पोस्टिंग का भी खंगाला जाएगा रिकॉर्ड

टीम का कहना है कि अब जो कार्रवाई की गई है। वह सिर्फ साल 2021 में हुए घोटाले को लेकर की गई है। जबकि आरोपी जीएम इस पहले भी साल 2008 से 2013 तक व साल 2021 में जनवरी से अप्रैल तक कोआपरेटिव बैंक का जीएम रह चूका है। इसलिए आरोपी की पिछली पोस्टिंग के रिकॉर्ड को भी खंगाला जाएगा। ताकि पता लगाया जा सके की कोआपरेटिव बैंक में घोटाले का यह खेल कब से चल रहा था।

 
ACB के डीजी शत्रुजीत कपूर खुद कर रहे मॉनिटरिंग, मामलों की हर रोज भेजी जा रही अपडेट

सूत्रों का कहना है कि घोटाले बाजों के खिलाफ चल रही इस कार्रवाई पर एंटी करप्शन ब्यूरो विभाग के डीजी शत्रुजीत कपूर खुद नजर गड़ाए हुए हैं। इस लिए हर रोज सभी मामलों की अपडेट उनको भेजी जा जाती है। इस घोटाले में अन्य अधिकारीयों का खुलासा करने के लिए एसीबी टीम के सभी कर्मचारी दिन रात कोआपरेटिव बैंकों का रिकॉर्ड खंगालने में लगे हुए हैं। वहीं जिले के तीन दर्जन से अधिक कोआपरेटिव बैंक भी टीम की रडार पर हैं। इस लिए टीम जिले के तीन दर्जन से अधिक कोआपरेटिव बैंकों का रिकॉर्ड अपने कार्यालय में मंगवाया गया है। जिसके लिए विभाग को अधिकारिक तौर पर पत्र लिखा गया है।

एंटी करप्शन ब्यूरो टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान सिंह ने बताया कि उन्होंने 2021 में कैथल के कॉपरेटिव बैंक में जीएम रहे आरोपी विजय को गिरफ्तार किया गया है। जिस पर ठेकेदार से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेनी पाई गई है। आरोपी को आज में पेश कर दो दिन का रिमांड लिया गया है। जिस बिच वे आरोपी से पैसों की बरामदगी व घोटाले में अन्य अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता के बारे में  पूछताछ करेंगे। 

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