खेमका ने किया बड़ा खुलासा, अफसरों ने खेल नीति के तहत किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 14 Jun, 2018 11:48 AM

forgery in sports policy

एक अौर जहां सरकार जूनियर अौर सब जूनियर खिलाड़ियों को इनामी राशि देने पर आनाकानी कर रही है। वहीं खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने खेलों में हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया है कि खेल निदेशालय के अफसर तीन साल से अपने रिश्तेदारों अौर चहेतों को...

चंडीगढ़: एेसा कहा जाता है कि खेल विभाग में करोड़ों रुपए का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हरियाणा सरकार ने जूनियर अौर सब जूनियर खिलाड़ियों को नकद इनामी राशि देने से इंकार कर दिया है। बताया जाता है कि खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने खेल विभाग में हुए करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि खेल निदेशालय के अफसर तीन साल से अपने रिश्तेदारों अौर चहेतों को फर्जी जूनियर खेल विजेता बताकर करोड़ों रुपए बांट चुके हैं। 

साल 2015 से 2018 के बीच निदेशायल के उच्च अधिकारियों ने गैर मान्य फर्जी प्रतियोगिताअों के जरिए अपने चहेते जूनियर खिलाड़ियों को 35 से 40 करोड़ रुपए बांटे हैं। नई खेल नीति बनने के बाद ही विभाग में यह फर्जीवाड़ा हुआ है। जिन्हें इनाम के रुप में लाखों रुपए दिए गए हैं, इनमें अधिकांश अफसरों के रिश्तेदार अौर सगे संबंधी हैं। खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने जूनियर अौर सब जूनियर खिलाड़ियों को लाखों रुपए बिना प्रावधान के ही बतौर इनाम बांटने का यह फर्जीवाड़ा पकड़ा है। खेमका ने इस मामले के बारे में खेल मंत्री अनिल विज को भी अवगत करा दिया है अौर राशि वितरण का पूरा रिकॉर्ड तलब किया है। वहीं, कहा जा रहा है कि खेल निदेशक जगदीप सिंह की पद से छुट्टी भी इसी मामले की वजह से हुई है। 

उल्लेखनीय है कि 2015 की खेल नीति में जूनियर अौर सब जूनियर श्रेणी के पदक विजेताअों के लिए किसी इनाम राशि का प्रावधान नहीं है। पहले उत्साहवर्धन के लिए इन खिलाड़ियों को मामूली राशि दी जाती थी मगर खेल नीति बनने के बाद उच्च अधिकारियों ने गैर मान्य अौर फर्जी टूर्नामेंट करा पदक विजेताअों के नाम पर अपने सगे-संबंधियों, रिश्तेदारों अौर चहेत युवाअों को लाखों रुपए बांटे। स्वर्ण विजेता के नाम पर 20 लाख, रजत विजेता के नाम पर 15 लाख, कांस्य विजेता के नाम पर 10 लाख अौर इन फर्जी प्रतियोगिताअों में सिर्फ हिस्सा लेना दिखाकर तीन-तीन लाख रुपए दिए गए। निदेशालय के उच्च अधिकारिों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पैसे की यह सारी बंदरबांट की। लाखों रुपए उन्हें दिए गए जो इसके काबिल नहीं थे। एेसे खिलाड़ियों की संख्या करीब 2 हजार है। प्रारंभिक जांच में ये टूर्नामेंट भी फर्जी पाए गए। जिन्हें सरकार या किसी अधिकृत संस्था की मान्यता नहीं थी। एेसे खेलों के नाम पर भी इनाम राशि बांट दी गई, जिन्हें हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति में शामिल ही नहीं किया है। 

खेमका का कहना है कि खेल निदेशालय ने बिना प्रावधान भारी भरकम राशि खिलाड़ियों को किसी अनुमति से प्रदान की है। इसे लेकर उच्च अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है अौर संबंधित फाइले भी मांगी गई है। खेल नीति में जूनियर अौर सब जूनियर को इनाम देने का कोई प्रावधान न होने पर भी करोड़ों रुपए बांटने के मामले में खेमका ने विज अौर सरकार से राय मांगी है। चूंकि इतनी बड़ी राशि बिना प्रावधान के किसके इशारे पर बांटी गई इसलिए इसकी रिकवरी की जानी चाहिए। सरकार के निर्णय के बाद ही खेल विभाग अगली कार्रवाई शुरू करेगा। 

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