Edited By Isha, Updated: 15 Jun, 2024 02:48 PM
फतेहाबाद के बस स्टैंड के पीछे लूथरा अस्पताल की संचालिका डॉ.सुनीता लूथरा ने आज तड़के फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। सीन ऑफ क्राइम व शहर पुलिस की टीमें मौके पर छानबीन करने में जुटी हुई हैं। घटना के पीछे घरेलू कलेश कारण बताया जा रहा है। फिल्हाल...
फतेहाबाद(रमेश): फतेहाबाद के बस स्टैंड के पीछे लूथरा अस्पताल की संचालिका डॉ.सुनीता लूथरा ने आज तड़के फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। सीन ऑफ क्राइम व शहर पुलिस की टीमें मौके पर छानबीन करने में जुटी हुई हैं। घटना के पीछे घरेलू कलेश कारण बताया जा रहा है। फिल्हाल जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय डॉ.देवेंद्र लूथरा और उनकी धर्मपत्नी 62 वर्षीय डॉ.सुनीता लुथरा बस स्टैंड के पीछे चर्म रोग व मैटरनिटी का अस्पताल कई सालों से चला रहे हैं। उनका बेटा डॉ.प्रतीक लूथरा व बहू नैंसी लूथरा भूना में क्लीनिक चला रहे हैं। ग्राऊंड फ्लॉर पर अस्पताल, ऊपरी मंजिल पर डॉक्टर लूथरा और उससे ऊपर बेटे का परिवार रह रहा है।
बताया जा रहा है कि पूरे परिवार में कलेश चल रहा था। मृतका के बेटे प्रतीक ने बताया कि वह रोजाना की भांति साढ़े 8 बजे अपने क्लीनिक भूना जाने के लिए तैयार हुआ था और नीचे नाश्ता करने के लिए आया तो देखा कि उसकी मां अपने कमरे से अभी तक बाहर नहीं आईं थी। उसने जब दरवाजा खोला तो दंग रह गया, उसकी मां सुनीता लूथरा कमरे में पंखे से बंधे फंदे पर लटकी हुई थी, जिस पर उसने उन्हें नीचे उतारा और परिवार को मामले का पता चला। डॉ.प्रतीक ने रोते हुए पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी डॉ.नैंसी और मां की आपस में नहीं बनती थी, जिसको लेकर अकसर कलेश रहता था।
उधर डॉ.सुनीता लूथरा के भाई विकास झंडई व सुनील ने अपने जीजा डॉ.देवेंद्र के खिलाफ गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि देवेंद्र उनकी बहन को परेशान करते थे, जिस कारण वे चार-पांच साल से अपनी बहन के घर भी नहीं आ रहे थे। उनकी बहन अकसर फोन पर उन्हें परेशानी बयान करती थी। उन्होंने अपने जीजा पर उसे परेशान करने के आरोप जड़े। फिल्हाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।