नूंह में किसानों ने सरकार को चेताया: महापंचायत में जमीन का मुआवजा देने की मांग, प्रशासन को 21 नवंबर तक का दिया समय

Edited By Saurabh Pal, Updated: 09 Nov, 2024 10:26 PM

farmers in nuh warned the government demand for land compensation

नूंह के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 8 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने शनिवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। यह महापंचायत शाम तक चली।

नुंह (ऐके बाघेल) : नूंह के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 8 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने शनिवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। यह महापंचायत शाम तक चली।

भारतीय किसान यूनियन की और से हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर, दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र लोचव सहित किसान नेता बलबीर व कई किसान संगठन के किसान नेता पहुंचे। इस महापंचायत में प्रशासन की ओर से बीडीपीओ राजेश, रोजकामेव थाना प्रभारी सहित अन्य भी पहुंचे।

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आईएमटी रोजका मेव किसान महापंचायत के अध्यक्ष बलवीर सिंह अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य प्रधान ने कहा कि उन्हें जैसे ही इस बारे में पता चला कि उनके साथी किसान पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। इसी को लेकर आज महापंचायत की गई जिसमें जिला प्रशासन की तरफ से महापंचायत में बीडीपीओ के द्वारा कहा गया कि जिले के डीसी का तबादला हो गया है। नए डीसी ने अभी जॉइनिंग नहीं की गई है तो उन्हें कुछ दिन का समय चाहिए ताकि उनकी बात डीसी के मार्फत मुख्यमंत्री तक पहुंच सके। उसी को लेकर कमेटी ने फैसला लिया है कि आगामी 21 नवंबर को किसान एक बैठक कर फैसला लेंगे । यह फैसला निर्णायक फैसला होगा यदि उससे पहले जिला प्रशासन सरकार से बात कर किसानों की समस्या का समाधान कर देते हैं तो ठीक रहेगा नहीं तो इस बार किसान आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है।

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किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि अब से पहले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुई जिसकी वजह से यहां पर किसानों का धरना इतना लंबा चला लेकिन विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था। इस दौरान सीएम ने किसानों की सभी मांगों को सरकार बनने पर पूरा कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक किसानों की मांगों पर सरकार कुछ नहीं कर रही है। अब किसानों के द्वारा 21 नवंबर का समय दिया गया है तथा 26 नवंबर को दिल्ली कुच को 4 साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश के किसान सभी जिला मुख्यालयों पर डीसी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। वही किसानों की मुख्य दो मांगों में किसानों को 25 लाख पेंडिग मुआवजा ब्याज सहित व सरकार द्वारा किसानों से जमीन अधिग्रहण के दौरान एग्रीमेंट को कैंसल करने की मांग है।

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बता दें कि वर्ष 2012 से ही रोजका मेव क्षेत्र के 9 गांवों के किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयासरत है। यहां पर इन गांवों को 1600 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद से ही किसान सरकार के खिलाफ हो गए थे तभी से किसान सरकार के खिलाफ संघर्षरत है। बीते 29 फरवरी से अब किसानों धरना चल रहा है। इसके बाद किसानों ने बीते 13 अगस्त को आईएमटी में चल रहे रोड, सीवरेज, पानी, पार्किंग सहित अन्य निर्माण के कार्य को पूरी तरह से बंद कर दिया था। जबकि किसान वह लगातार धरने पर अभी बैठे हुए है। 


 

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