Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Nov, 2017 06:31 PM
जुलाना में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राज मार्ग 352 पर गांव अनूपगढ़ के पास अपनी जमीन के उचित मुवावजे की मांग को लेकर पिछले 27 दिनों से बैठे हैं। उनके साथ घर का काम-काज छोड़कर महिलाएं भी धरने पर मौजूद थीं। किसानों का कहना है कि सरकार...
जुलाना(विजेंद्र): जुलाना में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राज मार्ग 352 पर गांव अनूपगढ़ के पास अपनी जमीन के उचित मुवावजे की मांग को लेकर पिछले 27 दिनों से बैठे हैं। उनके साथ घर का काम-काज छोड़कर महिलाएं भी धरने पर मौजूद थीं। किसानों का कहना है कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जो जमीनें बाईपास के लिए 2013 में सरकार ने अपने कब्जे में ली थी उनमें मालिकों को अलग-अलग गांवों को अलग-अलग मुआवजे दिए गए। इससे यह प्रतीत होता है कि, किसानों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई गई है।
किसानों ने बताया कि, हल्के के 6 गांवों की जमीन अधिग्रहण इस जींद के बाई पास के लिए किया गया है, जिसका मुआवजा अलग-अलग दर पर दिया गया। वहीं इस समस्या के निपटारे के लिए सरकार और अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद भी कोई हल नहीं किया गया। जिसके कारण वे पिछले 27 दिनों से धरने पर बैठें हैं। किसानों ने बताया कि, सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हो रही है जिसकी जमीन पर बाईपास बीचों-बीच आ गया है। क्योंकि बाई पास के बीच में आ जाने से सिंचाई और जुताई जैसे कार्य करना मुश्किल हो गया है।
उक्त समस्याओं का समाधान न होने पर किसानों का सब्र का बांध टूट गया। किसानों ने जींद बाई पास के लिए अधिकृत भूमि पर ओर बाई पास केलिए डाली गई मिट्टी को ट्रैक्टर से जोत कर उसमें सरसो की बिजाई कर दी है। उनका कहना है कि, यदि सरकार नहीं मानी तो पूरी सड़क को उखाड़ कर हर रोज इसपर दोबारा से खेती के लिए बिजाई की जाएगी। अगले सप्ताह एक मुख्य सड़क मार्ग को जाम किया जाएगा।
वहीं किसान नेता का कहना है कि, हम 27 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन न तो कोई सरकारी अधिकारी ही हमारे पास आया और न ही कोई मंत्री हमारी समस्याओं के निवारण के लिए सामने आया। किसान नेता ने बताया कि, एक दिन एडीसी ने हमसे मुलाकात की थी और उन्होंने भी डराने का कार्य किया। अब जो भी बातें होंगी वो केवल धरनास्थल पर होंगी, किसी दतर में नहीं। उन्होंने कहा, अगले सप्ताह जींद की ओर जाने वाले एक मुख्य सड़क को जाम किया जाएगा इसकी जिमेदारी सरकार की खुद की होगी।