Edited By Manisha rana, Updated: 14 Oct, 2023 08:34 AM
प्रवीण चौधरी ने बताया कि प्लॉट में धान की भूसी तेल निकालने के लिए पराली को बॉयलर के प्रयोग में लाया जा रहा है।
टोहाना (सुशील सिंगला) : खेतों में पराली को लगाई जाने वाली आग से हो रहे नुकसान को बचाने के लिए अलग-अलग तरीके से लोग प्रयास कर रहे हैं। टोहाना शहर के चंडीगढ़ रोड स्थित चौधरी सॉल्वेंट प्लांट में हर साल हजारों क्विंटल धान से निकलने वाली पराली की खरीद की जा रही है ताकि किसान पराली को आग न लगाएं। इस प्लांट में पराली को बॉयलर में जलाकर बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है। प्रवीण चौधरी ने बताया कि प्लॉट में धान की भूसी तेल निकालने के लिए पराली को बॉयलर के प्रयोग में लाया जा रहा है।
बता दें कि प्लांट में पिछले कई साल में एक लाख क्विंटल पराली की खरीद की जा चुकी है। इस प्लांट को चलाने के लिए अलग से सुपरवाइजर एवं कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पराली को कन्वेयर के माध्यम से भट्टी तक ले जाया जाता है, जिसके बाद पराली की राख अलग हो जाती है तथा भाप से धान की भूसी का तेल निकाला जाता है। टोहाना में करीब 70 ऐसे उद्योग हैं, यदि सरकारी मदद मिले तो सभी पराली की खरीद करेंगे, जिससे क्षेत्र के हर गांव की पराली बिक जाएगी। इससे अनेक लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
चौधरी सॉल्वेंट प्लांट के मालिक प्रवीण चौधरी ने बताया कि वह करीब पांच साल से पराली खरीद रहे हैं, जिसका प्रयोग बॉयलर में किया जा रहा है। पहले साल दस हजार क्विंटल, दूसरे साल 25 हजार क्विंटल तो इस बार 50 हजार क्विंटल पराली की खरीद कर चुके हैं। पराली जलाने के लिए अलग से मशीनें लगाई जाती हैं, जिसकी लागत करीब 30 लाख रुपये है, लेकिन ऐसे प्रोजेक्ट के लिए सरकार को इंडस्ट्री की आर्थिक मदद करनी चाहिए ताकि अन्य प्लॉट धारक भी पराली खरीद सकें। उन्होंने बताया कि उनकी चिमनी करीब 110 फुट पर लगी हुई है तथा पराली की राख को लोग भरत के लिए ले जाते हैं।
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