Edited By Saurabh Pal, Updated: 30 Aug, 2024 04:41 PM
रतिया विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर अब भाजपा नेताओं में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट के चांस बढ़ने के बाद बीते दिन विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा द्वारा वर्करों की मीटिंग ली...
फतेहाबाद(रमेश भट्ट): रतिया विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर अब भाजपा नेताओं में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट के चांस बढ़ने के बाद बीते दिन विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा द्वारा वर्करों की मीटिंग ली गई। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि बाहरी उम्मीदवार को टिकट दी गई तो उसका खुलकर विरोध किया जाएगा। इसको लेकर एक लेटर भी जारी किया गया, जिसमें तीन नाम रखे गए, जिन्हें टिकट का दावेदार बताया गया। इनमें विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ-साथ भाजपा नेता मुख्तयार सिंह बाजीगर का नाम शामिल था। साथ ही नेताओं के साइन भी करवाए गए।
अब इस लेटर के वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने विधायक व जिला अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव भवानी सिंह ने आज अन्य नेताओं के साथ सनसनीखेज प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा और जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि उक्त तीनों को पार्टी टिकट दे तो ठीक नहीं तो बाहरी उम्मीदवार का विरोध किया जाएगा। इससे वर्करों में भ्रम है, उसी भ्रम को आज दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तो यह नेता ये साफ करें कि बाहरी कौन और अंदर वाला कौन है। पार्टी जिस नेता को भी कमल का निशान देकर भेजेगी, वर्कर उसका साथ देंगे, होना तो यह चाहिए, लेकिन यह पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आलाकमान ने अध्यक्षों व प्रभारियों की मीटिंग लेकर साफ तौर पर कहा था कि यदि वे चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लिखकर दें और तैयारी करें, लेकिन तब ये नहीं बोले और अब इस तरह से लेटर जारी हो रहे हैं। खेत को बाड़ ही खाने लग रही है। उन्होंने कहा कि चाहे जिला अध्यक्ष हों या विधायक, दोनों इतनी जिम्मेवारी के पद पर हैं, पार्टी के प्रति निष्ठा होनी चाहिए। किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं। यदि शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर ही उंगली उठाते हैं तो उनमें अभी तक असली भाजपा आई ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सुनीता दुग्गल यहां रतिया से चुनाव लड़ चुकी हैं फिर वे लोकसभा सांसद भी रह चुकी हैं, वे बाहरी कैसे हुईं। डॉ.अशोक तंवर सांसद रह चुके हैं और कई बार सांसद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं, प्रो.रविंद्र बलियाला अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन हैं और रतिया से विधायक रह चुके हैं, वे बाहरी कैसे हुए।
भवानी सिंह ने कहा कि भाजपा पार्टी को सबसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं और अनुशासन के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। पहले खुद ही विधानसभा की मीटिंग रखी गई, खुद को ही उम्मीदवार बताया और साइन करवाए गए। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने साइन करने वाले काफी नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा कि उनको मुख्यमंत्री की जनसभा की तैयारियों के लिए मीटिंग बुलाया और कईयों ने कहा कि यहां आने के बाद उनसे दबाव डालकर साइन करवाए गए। कईयों ने बिना पढ़े ही साइन कर दिया।
इतना ही नहीं भवानी सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार डॉ.अशोक तंवर को भी कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाने का काम किया। जिस तत्परता से काम होना था, वह नहीं हुआ। पार्टी जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के नेतृत्व में यह पहला लोकसभा चुनाव था, लेकिन बढिय़ा काम हुआ होता तो इतनी बड़ी हार नहीं होनी थी। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन में सुनीता दुग्गल यहां से उम्मीदवार थीं, तब वे मात्र 400 वोटों से हार गई थीं, यदि उस समय भी तन-मन-धन से साथ दिया होता तो वे हारती नहीं। इस दौरान हरियाणा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुखविंद्र नहला, युवा जिला महामंत्री बिट्टू गुर्जर, जेपी गोदारा, धर्मचंद, भूप सिंह सिग्गड़ आदि नेता मौजूद रहे।
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