हर देशवासी 22 जुलाई के दिन अपने देश के तिरंगे को करे सेल्यूट: शील मधुर

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 17 Jul, 2024 08:22 PM

every citizen should salute the tricolor of his country on 22 july

हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने कहा कि आगामी 22 जुलाई को हर देशवासी अपने घर, दफ्तर, पार्क व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अपने प्यारे तिरंगे को सेल्यूट करें।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने कहा कि आगामी 22 जुलाई को हर देशवासी अपने घर, दफ्तर, पार्क व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अपने प्यारे तिरंगे को सेल्यूट करें। 22 जुलाई 1947 के दिन ही पहली बार तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। उनकी केंद्र सरकार से मांग है कि इस दिन को तिरंगा दिवस के रूप में घोषित करके तिंरगे का सम्मान बढ़ाए। 

पूर्व डीजीपी शील मधुर बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार 22 जुलाई के लिए उन्होंने प्रणाम तिरंगा थीम लांच किया गया है। इस दिन से पहले और बाद तक हम सब तिरंगे को सैल्यूट करेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 2021 से उन्होंने तिरंगा दिवस घोषित करने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इसके लिए हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, नारनौल आदि जिलों में तिरंगा सेना का गठन हो चुका है। अब इसका पूरे हरियाणा में विस्तार किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि तिरंगा दिवस घोषित करने का मामला केंद्र सरकार के अधीन आता है लेकिन हरियाणा सरकार इसका समर्थन करे इसके लिए वह मुख्यमंत्री नायब सैनी से जल्द ही मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांग लिया गया है। 

उन्होंने हरियाणा की जनता से अनुरोध किया कि 22 जुलाई को तिरंगे के सम्मान में तिरंगे को प्रणाम करें। पूर्व डीजीपी शील मधुर ने कहा कि हमारे देश का तिरंगा सबसे सुंदर राष्ट्रीय ध्वज माना गया है। जैसे हम अपना, बच्चों का जन्मदिन मनाते हैं, ऐसे ही तिरंगे का 22 जुलाई को जन्मदिन मनाएं। उन्होंने कहा कि प्रमाण तिरंगा थीम पर शहरों, गांवों, स्कूलों, कालेजों में तिरंगा यात्राएं निकाली जाएंगी। तिरंगा हमारी जीवनशैली है। तिरंगा देश के अस्तित्व, आजादी, संविधान, शांति, अहिंसा, प्रेम, खुशहाली का प्रतीक है। 

आंध्र प्रदेश से हुई थी तिरंगा बनाने की शुरूआत

पूर्व डीजीपी ने बताया कि वर्ष 1916 में स्वतंत्रता सेनानी आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने ऐसे झंडे के बारे में सोचा, जो भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोकर रखे। उनकी इस पहल को एस.बी. बोमन व उमर सोमानी ने सराहा। तीनों ने मिलकर नेशनल फ्लैग मिशन की स्थापना की। हैदराबाद की एक प्रतिष्ठित कलाकारसुरैया तैय्यबजी व उनके पति विदेशी राजनयिक बदरूद्दीन तैय्यबजी ने संविधान समिति को सलाह दी कि देश के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र भी शामिल किया जाए। महात्मा गांधी ने इसे माना और ध्वज में अशोक चक्र शामिल करने की अनुमति दी।

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