Edited By Saurabh Pal, Updated: 29 Sep, 2023 07:17 PM

चंडीगढ़ में बिजली मंत्री के साथ बिजली विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारियों की मांगों पर सहमति नहीं बनने के बाद कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। 1 अक्टूबर से बिजली कर्मचारी ऑल हरियाणा पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले...
बहादुरगढ़(प्रवीण कुमार धनखड़): चंडीगढ़ में बिजली मंत्री के साथ बिजली विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारियों की मांगों पर सहमति नहीं बनने के बाद कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। 1 अक्टूबर से बिजली कर्मचारी ऑल हरियाणा पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले सिरसा स्थित बिजली मंत्री के कार्यालय का घेराव करेंगे और महापड़ाव डालेंगे। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने अपनी मांग मनवाने के लिए लंबी चौड़ी रणनीति तैयार की है। जिसके तहत कर्मचारी मांगे पूरी नहीं होने तक बिजली मंत्री के कार्यालय के सामने ही बैठे रहेंगे। 21 अक्टूबर के दिन वहीं पर एक बड़ी रैली का आयोजन भी करेंगे। बहादुरगढ़ में कर्मचारियों ने अपने कार्यालय के सामने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ऑल हरियाणा वर्कर्स पावर वर्कर्स यूनियन के हरियाणा उपाध्यक्ष बंसीलाल ने बताया कि गुरुवार को प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह से कर्मचारियों की मांगों से संबंधित बातचीत हुई थी, जो सिरे नहीं चेढ़ पाई। इसलिए अब कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी 1 अक्टूबर से बिजली मंत्री के सिरसा स्थित कार्यालय के सामने महापड़ाव डालने जा रहे हैं। वे तब तक अपना महापड़ाव वापस नहीं लेंगे, जब तक की सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं कर देती। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने 21 अक्टूबर के दिन महापड़ाव स्थल पर एक बड़ी रैली करने का भी ऐलान किया है। जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
कर्मचारी नेता बंसीलाल ने बताया कि बिजली कर्मचारी पिछले डेढ़ साल से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगे मानने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में उन्हें अब सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वह कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, ठेका प्रथा बंद करने और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसानों को ट्यूबल चलाने के लिए बिजली कनेक्शन तुरंत देने। आम लोगों को 24 घंटे सस्ती बिजली मुहैया करवाने और बिजली विभाग में खाली पड़े पदों पर नई भर्ती करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भी भंग करने की मांग की जा रही है।
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