Edited By Manisha rana, Updated: 12 Jan, 2024 01:06 PM
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कहें या चमत्कार। मृत घोषित होने के बाद एक बुजुर्ग की फिर से सांसें चलने लगीं। ताजा मामला करनाल से सामने आया है। जहां जीवित होने की पुष्टि के बाद दोबारा से बुजुर्ग को करनाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
करनाल : अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कहें या चमत्कार। मृत घोषित होने के बाद एक बुजुर्ग की फिर से सांसें चलने लगीं। ताजा मामला करनाल से सामने आया है। जहां जीवित होने की पुष्टि के बाद दोबारा से बुजुर्ग को करनाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह आईसीयू में भर्ती हैं। अंतिम संस्कार के लिए रोते-बिलखते आ रहे परिजन भी यह जानकार हैरान रह गए।
एंबुलेंस का टायर गड्ढे में लगने से चलने लगी सांसें
दरअसल बुजुर्ग को पटियाला अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। उन्हें वैंटिलेटर से भी हटा दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने घर, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बुजुर्ग की मौत की सूचना दे दी। इसके बाद घर पर संस्कार की तैयारियां भी शुरू हो गई थी। जब परिजन बुजुर्ग को घर ला रहे थे तो एंबुलेंस का टायर गड्ढे में लगने से उनकी सांस चलने लगी।
हार्ट पेशेंट है सरदार दर्शन पाल सिंह
निसिंग की दर्शन सिंह कॉलोनी में रहने वाले बलदेव ने बताया कि उसके पिता सरदार दर्शन पाल सिंह हार्ट पेशेंट है। कई दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। उसका भाई इलाज के लिए उन्हें अपने साथ पटियाला लेकर गया और वहां पर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया। बेटे बलदेव सिंह ने बताया कि बीते दिन वीरवार को अस्पताल में इलाज के दौरान उनके पिता की हार्ट बीट बंद हो गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। पिता की मौत की सूचना भाई ने उन्हें दे दी। इसके बाद गांव, कॉलोनी और परिवार के लोग उनके घर पहुंचना शुरू हो गए थे। परिवार के अन्य लोग संस्कार की तैयारी में जुटे थे। जब वह अपने पिता को एम्बुलेंस में लेकर पंजाब से निसिंग आ रहे थे तो कैथल के ढांड गांव के पास सड़क पर गड्ढे में गाड़ी का टायर लगा।
इसके बाद उनके शरीर में हलचल हुई। ऐसा लगा जैसे पिता ने हाथ हिलाया है। उन्हें शक हुआ कि पिता के शरीर में हरकत हुई है। उन्होंने पिता की नब्ज चेक की तो उनकी हार्ट बीट चल रही थी। इसके बाद उन्हें तुरंत निसिंग के अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टरों ने चेक किया तो उनके पिता की सांस चल रही थी। डॉक्टर ने इसके बाद दर्शन सिंह को करनाल के रावल अस्पताल में रेफर कर दिया।
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