1 लाख रिश्वत मामले में आया नया मोड़, पार्षदों ने चेयरमैन पर लगाया कुर्सी बचाने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप

Edited By Saurabh Pal, Updated: 19 Jan, 2024 06:07 PM

dozens of councilors came in support of the councilors arrested in bribery case

देर रात एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पार्षद विक्रम जीत और पार्षद प्रतिनिधि भारत हरसौला को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है...

कैथल(जयपाल): देर रात एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पार्षद विक्रम जीत और पार्षद प्रतिनिधि भारत हरसौला को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब नया मोड़  आ गया है, जिसमें जिला परिषद के एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने विजिलेंस की इस रेड के पीछे जेजेपी समर्थित चेयरमैन दीप मलिक को जिम्मेदार ठहराया है। पार्षदों का कहना है कि चेयरमैन ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए ठेकेदार से मिलीभगत करके एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत दोनों पार्षदों को गिरफ्तार करवाया है। 

बता दें कि आज लघु सचिवालय में जिला परिषद के एक दर्जन से अधिक पार्षद इकट्ठा हुए। सभी पार्षदों ने एक स्वर में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि की गिरफ्तारी का विरोध किया। इसके साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा है। 

जिला परिषद के वाइस चेयरमैन कर्मवीर कौल ने बताया कि ठेकेदार द्वारा विजिलेंस को दी गई शिकायत में आरोप है कि दोनों पार्षदों द्वारा करवाए गए विकास कार्यों के बिल पास करवाने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी। जबकि जिला परिषद के बिलों पर किसी भी पार्षद के कोई भी हस्ताक्षर नहीं होते हैं। इनपर सिर्फ चेयरमैन और सीईओ के हस्ताक्षर ही होते हैं, इसलिए यह कार्य केवल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है। 

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वहीं मामले के बारे में जानकारी देते हुए वार्ड नंबर 15 के पार्षद मनीष शर्मा ने बताया कि जिस ठेकेदार द्वारा यह रेड करवाई गई है वह खुद ही भ्रष्ट है। क्योंकि इसके द्वारा करवाए गए सभी कार्यों में अनियमितता पाई गई है। जिसकी पार्षदों ने पहले ही शिकायत दी हुई है, इसलिए अब यह अपनी साख बचाने के लिए  इस तरफ की हरकत पर उतर आया है। जिसको इस मामले में चेयरमैन का भी साथ मिला है। वह  पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने ठेकेदार द्वारा करवाए गए सभी कार्यों की जांच करने की मांग की है। 

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वार्ड नंबर 3 की पार्षद उर्मिला ढुल ने बताया कि जिला परिषद के चेयरमैन दीप मलिक ने ठेकेदार के साथ मिलकर उसके पति को जूठे केस में फसाया है। क्योंकि आगामी 24 तारीख को उसका कार्यकाल खत्म हो रहा है। चेयरमैन के खिलाफ सभी पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए वह अपनी कुर्सी को बचाने के लिए वह यह सब षड्यंत्र रच रहा है। उनका कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर झूठा मामला दर्ज करवाने वाले ठेकेदार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

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