कोरोना से जीती जंग, अमेरिका में अब मरीजों की जान बचाने में जुटी है भारत की डॉक्टर बेटी

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Apr, 2020 04:34 PM

doctor daughter of india is now trying to save the lives of patients in america

सात समुंदर पार अमेरिका के न्यू जर्सी में रोहतक की डॉक्टर बेटी कोरोना के खिलाफ जंग जीत गई है। 10 से 12 दिन डॉक्टर पूजा भाटिया ने खुद को घर पर क्वारंटीन रखा और प्राणायाम से फेफड़ों को एक्टिव रखा। साथ ही लिक्विड लेने पर जोर दिया। अब पूजा पूरी तरह ठीक...

 

रोहतक: सात समुंदर पार अमेरिका के न्यू जर्सी में रोहतक की डॉक्टर बेटी कोरोना के खिलाफ जंग जीत गई है। 10 से 12 दिन डॉक्टर पूजा भाटिया ने खुद को घर पर क्वारंटीन रखा और प्राणायाम से फेफड़ों को एक्टिव रखा। साथ ही लिक्विड लेने पर जोर दिया। अब पूजा पूरी तरह ठीक है और मरीजों का उपचार करने के लिए फिर से अस्पताल जाने लगी है।

साथ ही अपने शरीर में पैदा हुए एंटी बॉडी को प्लाज्मा से डोनेट कर रही है। अमर उजाला से न्यू जर्सी से डॉक्टर पूजा ने बातचीत की। पूजा ने बताया कि उसके पिता सेक्टर-एक निवासी अमरनाथ भाटिया जिला अदालत में सीनियर वकील हैं। जबकि उनके बेटे विशाल भाटिया प्रदेश सरकार के ट्रिब्यूनल में एडवोकेट के तौर पर शामिल हैं।

पूजा ने 10 वीं तक की पढ़ाई रोहतक के डी पार्क स्थित विद्या निकेतन स्कूल से की है। बाद में उसका महाराष्ट्र स्थित औरंगाबाद के मेडिकल कालेज में दाखिला हो गया। 1996 में एक साल तक पूजा ने पीजीआईएमएस में इंटनर्शिप की। पूजा का विवाह दिल्ली निवासी समीर मल्होत्रा से हुआ गया, जो यूएसए में इंजीनियर है। शादी के बाद 2003 में पूजा भी न्यू जर्सी चली गई। वहीं पर उसने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की, अब वहां पर पूजा सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट है।

डॉक्टर पूजा ने बताया कि अमेरिका में कोविड-19 का असर दुनिया में सबसे ज्यादा है। यहां भी न्यूयार्क व न्यू जर्सी ज्यादा प्रभावित हैं। यूएसए में अचानक ही कोरोना के मरीज ज्यादा आने लगे। देखते देखते हालात समझ से बाहर हो गए । मरीजों का उपचार करते समय वह भी कोरोना पॉजिटिव हो गई। उसने 10 दिन तक खुद को घर पर आइसोलेट रखा। मलेरिया के लिए प्रयोग की जाने वाली दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन भी ली।

क्योंकि कोराना फेफड़ों के अंदर हवा जाने से रोकता है। ऐसे में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को प्राणायाम करना चाहिए। माना जा रहा है कि यह कम तापमान में ज्यादा सक्रिय होता है। इस समय न्यू जर्सी में 15 से 20 डिग्री तक तापमान है, जबकि भारत में गर्मी के मौसम के चलते तापमान दोगुणा है। भारत में केस भी यूएसए के मुकाबले कम हैं। हालांकि पूजा ने कहा कि कोरोना की अभी कोई विश्वसनीय दवा नहीं बनी है, क्योंकि यह नया वायरस है।

पीएम मोदी की बात मानें, घरों से बाहर न आएं
डॉक्टर पूजा भाटिया ने कहा कि, चाहे वे अब अमेरिका में रह रही हैं, लेकिन भारत उनके दिलों में बसता है। मेरा देशवासियों से आग्रह है कि वे पीएम मोदी की बात मानें और लॉकडाउन के दौरान घरों में ही रहें। क्योंकि कोरोना महामारी दुनिया के लिए नई है। इसका कोई विश्वसनीय उपचार नहीं मिल सका है। ऐसे में हाथों को दिन में बार-बार धोएं। हल्का गरम पानी ले सकते हैं। सफाई का विशेष ध्यान रखें।

मैं अपनी साथी डॉक्टर को खो चुकी हूं
पूजा ने बताया कि उनकी साथी डॉक्टर का जन्म यूएसए में ही हुआ था। कोरोना के कारण उसने दम तोड़ दिया। उसे नहीं बचा पाने का दर्द हमेेशा रहेगा। उसने बताया कि उसकी रोहतक में परिजनों से बातचीत होती रही है। अमेरिका में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं।

मम्मी-पापा मैं ठीक हूं, आप भी कोरोना से बचना, घर में ही रहना
मैं यहां ठीक हूं। आप भी अपना ख्याल रखना, घर से बाहर नहीं निकलना। लॉकडाउन में घर पर ही रहना। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना। इसे हराया जा सकता है। मैंने हराया है। अब दूसरों को जीत दिलाने में जुटी हूं। यह सकारात्मक और भावनात्मक अपील रोहतक की डॉक्टर बिटिया ने अपने माता-पिता व भाई-बहन से की है।

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