राजनीतिक दल के बावजूद बुजुर्गों का सम्मान करने वाले दिग्विजय हरियाणा तक नहीं रहना चाहते सीमित

Edited By Manisha rana, Updated: 01 Aug, 2021 04:06 PM

despite the political party digvijay who respects the elderly

संगठनात्मक शक्ति में इनसो से निकलकर जेजेपी के प्रधान महासचिव बने दिग्विजय चौटाला की कार्यप्रणाली युवा वर्ग को एकजुट रखने व जेजेपी से जोड़ने की है...

चंडीगढ़ (धरणी) : संगठनात्मक शक्ति में इनसो से निकलकर जेजेपी के प्रधान महासचिव बने दिग्विजय चौटाला की कार्यप्रणाली युवा वर्ग को एकजुट रखने व जेजेपी से जोड़ने की है। अपने परदादा चौधरी देवीलाल की तर्ज पर जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला चंडीगढ हों, दिल्ली हों या सिरसा समेत हरियाणा के किसी भी क्षेत्र में हों इनकी मौजूदगी खुले दरबार में तब्दील हो जाती है। न केवल युवा वर्ग बल्कि बुजुर्ग भी दिग्विजय दरबार में इसी उम्मीदों के साथ पहुंचते हैं कि वह उनकी जरूर सुनेंगे।

दिग्विजय चौटाला भी उनके पास चलकर आने वाले किसी व्यक्ति को निराश नहीं करते। जिस व्यक्ति का काम जिस अधिकारी से चलता हो उसे तुरंत फोन मिला कर काम करने की सिफारिश करते हैं। जिन लोगों के काम किसी की रिकमेंडेशन पर होने वाले हों, उनके आवेदन दिग्विजय चौटाला लेकर अपने निजी टीम को दे देते हैं और उनकी टीम उसका क्रियांवन करती है। जेजेपी संगठन जब से बना है तब से अपने भाई दुष्यंत चौटाला से मिलकर दिग्विजय सिंह चौटाला संगठन को मजबूत और शक्तिशाली बनाने के लिए लगे हुए हैं।

इसी कड़ी में अपने जुझारूपन का सबूत वह जींद उपचुनाव में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ तथा सोनीपत लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ लड़कर अतीत में दे चुके हैं। भले ही वह यह दोनों चुनाव जीत नहीं पाए हों, लेकिन अपने भाई दुष्यंत के साथ मिलकर वह जेजेपी को 2019 विधानसभा चुनाव में इस लेवल पर जरूर ले आए कि आज जेजेपी पार्टी सत्ता में हिस्सेदार बन गई। नई निर्माण होने वाली इस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीत कर अपनी मजबूत मौजूदगी और मैनेजमेंट दिखाकर प्रदेश के सभी राजनीतिक पार्टियों के समीकरण बिगाड़ दिए थे। इसी चमत्कार के जरिए जहां दुष्यंत आज हरियाणा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं, वही दिग्विजय ने संगठन को एक सूत्र में बांधे रखने का दायित्व बेहतरी से संभाला हुआ है।

अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई पर खुले मन से सराहना करने की बात ने जहां उनके दिल में अपने परिवार के बुजुर्गों के प्रति आदर भाव को दर्शाया, वहीं मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल द्वारा चौ0 ओमप्रकाश चौटाला पर की गई टिप्पणी पर विरोध जाहिर करके दिग्विजय चौटाला यह संदेश सभी को देने में कामयाब हो गए कि राजनीतिक रूप से मतभेद जरूर है, लेकिन मनभेद बिल्कुल नहीं है। वह परिवार के बुजुर्गों के विरुद्ध किसी से कुछ नहीं सुनेंगे। यही कारण है कि ओमप्रकाश चौटाला भी अपने दोनों पोतों दुष्यंत वह दिग्विजय चौटाला के खिलाफ पहले की तरह किसी भी प्रकार की विरोधाभास टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिग्विजय सिंह चौटाला के पास अगर कोई व्यक्ति बिजली और जेल विभाग की शिकायतें लेकर आता है तो तुरंत वह अपने दादा रणजीत चौटाला से फोन पर इस संबंधी बात करते हैं और बात की शुरुआत दादा राम-राम से करते हैं। जिस व्यक्ति का काम करवाना होता है, उसकी सिफारिश करके वह रणजीत चौटाला के पास भेजते हैं।

दिग्विजय सिंह चौटाला अपने पिता डॉ0 अजय सिंह चौटाला की तर्ज पर जेजेपी संगठन को मजबूती से संचालित करने पर लगे हैं। उल्लेखनीय है कि 1999 से 2004 तक जब प्रदेश के मुख्यमंत्री चौ0 ओमप्रकाश चौटाला थे, तब इनेलो के संगठन को पूरी तरह से डॉ0 अजय सिंह चौटाला ने संभाला हुआ था।दिग्विजय सिंह चौटाला जहां परिवारिक तालमेल को मजबूत करने में लगे हैं, वहीं उनके पास आने वाले लोगों की मदद को भी वह तैयार रहते हैं। दिग्विजय सिंह चौटाला द्वारा पंजाब व उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में जेजेपी उम्मीदवार खड़े करने की राजनीतिक सोच भी यह जाहिर करती है कि वह अपनी उड़ान को सीमित नहीं रखेंगे। वह अपने संगठन को हरियाणा तक सीमित न रख कई प्रदेशों में मजबूत करने का माद्दा रखते हैं।

यंग लीडर दिग्विजय सिंह चौटाला जेजेपी की एक ऐसी अहम कड़ी है जो पार्टी को निरंतर मजबूत कर रही है। करीब आठ साल इनसो में रहकर छात्रों की आवाज बुलंद करने वाले जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय आज इनसो और जेजेपी दोनों में अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं। अब कोरोना महामारी से सामान्य हो रही स्थिति में दिग्विजय चौटाला इनसो के 19वें स्थापना दिवस पर रोहतक एमडीयू में आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे हुए है। साथ ही उनकी नजर 15 अगस्त से शुरू हो रहे पार्टी के सदस्यता अभियान कार्यक्रम पर भी है।  इतना ही नहीं उनका वर्क स्टाइल ऑन द स्पॉट समस्या का हल निकालने वाला हैं। यही वजह है कि उनके चंडीगढ़ स्थित ऑफिस पर उनसे मिलने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। दिग्विजय एक साथ सैकड़ों लोगों से जनसंपर्क करते है और उनकी समस्या के हल के लिए उनके सामने ही संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत करते है।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!