Edited By Gourav Chouhan, Updated: 23 Nov, 2022 07:06 PM

इस मांग को लेकर जाट आरक्षण संघर्ष समिति का एक दल गृहमंत्री अनिल विज से मिला और मामले रद्द करने की मांग की।
अंबाला(अमन): कृषि कानूनों को लेकर हुए आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने के सरकार के फैसले के बाद अब जाट आरक्षण के लिए हुए आंदोलन में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस को भी रद्द करने की मांग तेज होने लगी है। इसी मांग को लेकर जाट आरक्षण संघर्ष समिति का एक दल गृहमंत्री अनिल विज से मिला और मामले रद्द करने की मांग की। इस पर विज ने जाट नेताओं को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि इस मामले में जो बन सकता है, सरकार वह कदम जरूर उठाएगी।
गृह मंत्री ने जाट समाज के लोगों को दिया एक सप्ताह का समय
साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश के कई जिलों में हिंसक घटनाएं सामने आई थी। इस दौरान आधिकारिक तौर पर 30 लोगों की मौत हुई थी। करीब 15 दिन चले आंदोलन में कई प्रदर्शनकारियों पर मामले भी दर्ज हुए थे। इन्हीं मामलों को रद्द करवाने के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति पिछले काफी दिनों से प्रयासरत है। इसी कड़ी में बुधवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति का एक दल गृह मंत्री विज से मिलने उनके आवास पर अंबाला पहुंचा। बताया जा रहा है कि विज के साथ जाट समाज के लोगों की मीटिंग काफी सकारात्मक रही है। अनिल विज ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति को इस मामले में कोई फैसला लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
अगले हफ्ते अधिकारियों की बैठक में होगा फैसला
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुई बैठक के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि इस मामले को लेकर एक हफ्ते बाद अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई हैं। प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने को लेकर इस बैठक में बातचीत करने के बाद ही सरकार की ओर से कोई फैसला लिया जाएगा।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)