Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 13 Dec, 2024 09:19 PM
साइबर क्राइम ईस्ट थाना पुलिस ने साइबर ठगी में संलिप्त डीबीएस बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने आरोपी के कब्जा से वारदात में प्रयोग किया गया एक मोबाइल फोन व दो सिम कार्ड बरामद किए।
गुडग़ांव, (ब्यूरो): साइबर क्राइम ईस्ट थाना पुलिस ने साइबर ठगी में संलिप्त डीबीएस बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने आरोपी के कब्जा से वारदात में प्रयोग किया गया एक मोबाइल फोन व दो सिम कार्ड बरामद किए। साइबर ठगी मामलों को लेकर गुरुग्राम पुलिस मामले की जांच कर रही है। गुरुग्राम पुलिस ने अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में 23 बैंक कर्मचारियों को अभी तक गिरफ्तार कर चुकी है।
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साइबर क्राइम ईस्ट थाना में बीते बुधवार को एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि उसने डीबीएस बैंक डीएलएफ फेज-2, गुरुग्राम में एक खाता खुलवाया हुआ था। इस बैंक खाता को बंद करवाने के लिए शिकायतकर्ता ने बैंक रिलेशन मैनेजर टीपू सुल्तान को कहा। बैंक रिलेशन मैनेजर ने शिकायतकर्ता को कहा कि बैंक खाता शाखा में आकर बंद करवाना होगा। इसके बाद बीते छह दिसंबर को शिकायतकर्ता के मोबाइल नंबर पर बैंक खाता में 15,000 रुपये क्रेडिट होने का मैसेज मिला। शिकायतकर्ता ने इस बारे में बैंक कर्मचारी टीपू सुल्तान को बताया तो उसने कहा कि यह रुपये बैंक की तरफ से आए हैं और जल्द इसका खाता बंद हो जाएगा।
इसके बाद बीते नौ दिसंबर को उसके बैंक खाता में लगभग 1.96 करोड़ रुपये के्रडिट होने का मैसेज आया। इसके बाद शिकायतकर्ता को शक हुआ तो उसने बैंक जाकर पता किया। ऐसे में पता चला कि बैंक रिलेशन मैनेजर टीपू सुल्तान ने शिकायतकर्ता की बिना जानकारी के बैंक खाता से इसका मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी बदलकर अन्य मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी रजिस्टर कर दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी।
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में साइबर क्राइम ईस्ट थाना प्रबंधक की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए 12 दिसंबर को आरोपी बैंक कर्मचारी टीपू सुल्तान निवासी गांव सफीपुर पट्टी जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश हाल निवासी इंदिरा कॉलोनी-2, गुरुग्राम को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी जून-2023 से डीबीएस बैंक साइबर सिटी डीएलएफ फेज-2, गुरुग्राम शाखा में पर्सनल बैंकर के पद पर नौकरी कर रहा है। इस दौरान बैंक खाता खोलने के लिए इसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई। उस व्यक्ति ने टीपू सुल्तान से एक करंट बैंक खाता खुलवाने के लिए कहा। लेकिन कोई साइट (स्थान) न होने के कारण करंट खाता खोलने से आरोपी ने मना कर दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने बताया कि उनका ऑनलाइन बेटिंग का काम हैं, इसके लिए इनको एक करंट बैंक खाता की जरूरत है। उस व्यक्ति ने आरोपी को एक करंट बैंक खाता उपलब्ध कराने को कहा। इसके बदले आरोपी को पांच लाख रुपये का लालच दिया। लालच में आकर आरोपी ने मामले में शिकायतकर्ता का बैंक खाता के मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी धोखाधड़ी से बदल दी। वहीं, बैंक खाता आरोपी ने अपने उस अन्य साथी व्यक्ति को दे दिया।