Edited By Isha, Updated: 12 Apr, 2024 03:41 PM
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नेता गलत बयान बाजी व विवादित टिप्पणी करना शुरू हो गए है। रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी पर दिए गए विवादित बयान का मामला अभी थम
कैथल (जयपाल): लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नेता गलत बयान बाजी व विवादित टिप्पणी करना शुरू हो गए है। रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी पर दिए गए विवादित बयान का मामला अभी थम भी नहीं था की इसी बीच अब इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने दो विशेष जातियों को लेकर केवल वोट की अपनी ही नही की अपितु उनके समक्ष चुनावी मैदान में उतरे दो पार्टी के नेताओं को लूटेरा तक का डाला।
अभय ने अपने भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए कहा की, यो जाट और बणिया की लड़ाई है। दो लुटेरे मेरे सामने चुनाव लड़ रहे हैं। तुम्हारी तरह मैं तो खेती करने वाला हूं, तुम्हारी लड़ाई लड़ता हूं। वोट मने दयोगे, के ना दयोगे यो फैसला थामने करना है। दूसरे लोग आएंगे, उनके चक्करां में ना पड़ियो।'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के निर्देशों अनुसार किसी भी पार्टी का नेता जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट नही मांग सकता..अगर वह ऐसा करता है तो यह सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के आदेशों की उल्लंघना मानी जाएगी।
विदित रहे की भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार लोकसभा का चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों के लिए कई हिदायतें जारी की है। जिनमे विशेष तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों को अपने बयान में मर्यादा और संयम बनाए रखने को कहा है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि कोई भी नेता मतदाताओं की जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर वोट की अपील नहीं कर सकया, अगर कोई नेता या प्रत्याशी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ आदर्श आचार संहिता की उल्लंगना करने की सूरत में उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान है। वहीं जब इस मामले को लेकर कैथल के एआरओ गुरविंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अभी लिंक ऑफिसर है, इस लिए इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकते!