राज्यसभा चुनाव को लेकर बैकफुट पर कांग्रेस, सरकार को अल्पमत में बता बर्खास्त करने का मुद्दा कितना वाजिब ?

Edited By Isha, Updated: 21 Jun, 2024 05:32 PM

congress on the backfoot regarding rajya sabha elections

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पांच सीटों पर जीत ने हरियाणा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। इस जीत से कांग्रेस पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गई । लगातार कांग्रेस के नेता हरियाणा सरकार को अल्पमत में होने के दावा क

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पांच सीटों पर जीत ने हरियाणा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। इस जीत से कांग्रेस पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गई । लगातार कांग्रेस के नेता हरियाणा सरकार को अल्पमत में होने के दावा करने लगे और सैनी सरकार के इस्तीफे की मांग बढ़ती गई। कांग्रेस के नेता विधानसभा की संख्याबल को लेकर तरह तरह के समीकरण भी बनाते नजर आए, लेकिन एकाएक जीत के दावे ठंडे नजर आने लगे और राज्यसभा चुनाव से भी किनारा अब पूर्व सीएम हुड्डा ने ये कहकर कर लिया कि हमारे पास नंबर नहीं है।

हरियाणा के पूर्व  सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का इस तरह से बैकफुट पर आना स्वाभाविक नही है। कल तक अल्पमत के सैनी सरकार का दावा करने वाले हुड्डा आखिरकार एकदम कैसे पलट गए ? दरअसल तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने जिस तरीके से कांग्रेस से  बीजेपी में पलटी मारी, उससे विधानसभा की संख्याबल का सारा समीकरण ही  बिगड़ गया और जहां कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव की जीत के जोश से लबरेज दिखाई दे रहे थे वो रोहतक सीट से जीतकर आए दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट को फिर से जीतने की कवायद तक करते नहीं दिख रहे है और वो भी ये कहकर कि उनके पास नंबर ही नहीं है।

विधानसभा में कांग्रेस के पास नहीं है नंबर

सच्चाई यही है कि हरियाणा में विपक्ष एकजुट नहीं है। कुल 90 विधायकों में से इस वक्त सदन में 87 विधायक है, जिनमें नायब सिह सैनी सरकार के पास 41 बीजेपी, 1 हलोपा और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आई किरण चौधरी भी है, क्योंकि उन्होंने अभी विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं बात विपक्ष की करें तो विपक्ष के पास कांग्रेस के 28, जेजेपी के 10, इनेलो के अभय चौटाला और 4 निर्दलीय विधायक है यानि कि बीजेपी की तरफ 44 और विपक्ष के पास 43 है, लेकिन विपक्ष की  बात करें तो जेजेपी के 10 विधायक एकजुट नहीं है, वहीं निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु किसी के भी समर्थन में नहीं है। वहीं राज्यसभा चुनाव को लेकर खुद पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के पास नंबर नहीं है। यदि कोई दूसरा दल 15 या 16 विधायकों के साथ हमारे को समर्थन देते हैं तो हम उम्मीदवार जरूर खड़ा करेंगे। यदि दूसरे दलों का सहयोग मिलता है तो हम इस पर सोचेंगे।

बिना नंबर राज्यसभा चुनाव से किया किनारा

इन समीकरणों से आप साफ तौर पर समझ सकते है कि हरियाणा विधानसभा मे विपक्ष के पास नंबर ही नहीं है तो वो ना तो सरकार के खिलाफ अविश्वास  प्रस्ताव ला पाया है और ना ही राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार ही उतारने की जुगत में है। अगर कहीं विपक्ष एकजुट होता भी तो रही सही कसर कांग्रेस ने अकेले राज्यपाल से मिलकर हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका जताते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग करके कर दी। ऐसे में साफ है कि हरियाणा में कांग्रेस बेशक लोकसभा चुनाव में ताकतवर बनकर उभरी है  लेकिन विधानसभा के पटल पर नंबर गेम में अभी भी  पिछड़ी है और यही वजह है कि पूर्व सीएम हुड्डा राज्यसभा उम्मीदवार उतारने की अकेले हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!