आचार संहिता या कोई और बहाना कोर्ट के आदेशों के पालना न करने के लिए नहीं चलेगा:हाई कोर्ट

Edited By Isha, Updated: 25 Apr, 2024 04:52 PM

code of conduct or any other excuse will not work for not following court orders

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनावी आचार संहिता का कारण देकर कोर्ट के आदेशों की पालना न करने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए हैं।नरेश कुमार बनाम एचएसएससी सचिव (COCP-517-2023) मामले में

 चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनावी आचार संहिता का कारण देकर कोर्ट के आदेशों की पालना न करने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए हैं।नरेश कुमार बनाम एचएसएससी सचिव (COCP-517-2023) मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील रजत मोर ने कोर्ट को अवगत करवाया की याचिकाकर्ता को पुरुष कांस्टेबल (जीडी) के पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया गया था और उसके बाद भी याचिकाकर्ता को ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही।

प्रतिवादी-राज्य ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए जारी आचार संहिता के कारण उसे वास्तविक नियुक्ति नहीं दी जा सकी। माननीय अदालत ने कहा कि "इस अदालत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां हरियाणा और पंजाब राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने यह रुख अपनाया है कि आचार संहिता के कारण संबंधित मामलों में उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, आदर्श आचार संहिता में ऐसा कोई खंड नहीं है जिसके तहत नियुक्ति जारी करने को, यहां तक कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार भी स्थगित रखने की आवश्यकता हो। यह एक अनावश्यक बहाना है।

इसलिए, यहां यह स्पष्ट करना आवश्यक हो गया है कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी किसी भी आचार संहिता या किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा जारी किसी भी आदेश या निर्देश को उच्च न्यायालय के आदेश के निष्पादन के रास्ते में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

भारत के चुनाव आयोग की किसी विशेष अनुमति या हस्तक्षेप के बिना ही अधिकारी पूरी तरह से अधिकृत हैं और उच्च न्यायालय के आदेशों को निष्पादित (लागू) करने के लिए कानूनी कर्तव्य के तहत हैं, इसलिए, इस अदालत द्वारा यह स्थिति स्पष्ट की जा रही है कि पंजाब एवं हरियाणा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव या किसी अन्य चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों की पालन करेंगे।

इस आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार; मुख्य सचिव, पंजाब सरकार और प्रशासक, केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ को उनकी जानकारी और आवश्यक अनुपालन के लिए भेजी जाए। यह स्पष्ट किया जाता है कि आचार संहिता का कोई और बहाना कोर्ट के आदेशों के पालना न करने के लिए नहीं चलेगा।"

 

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