Edited By Deepak Kumar, Updated: 11 Apr, 2025 03:03 PM

कैथल जिले में एक बड़े निजी स्कूल पर सीएम फ्लाइंग दस्ते ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर छापेमारी की। यह कार्रवाई करनाल रोड स्थित उस स्कूल पर की गई जो सरकार द्वारा जारी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची में स्पष्ट रूप से 32वें नंबर पर...
ब्यूरोः हरियाणा सरकार ने राज्य में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कैथल जिले में एक बड़े निजी स्कूल पर सीएम फ्लाइंग दस्ते ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर छापेमारी की। यह कार्रवाई करनाल रोड स्थित उस स्कूल पर की गई जो सरकार द्वारा जारी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची में स्पष्ट रूप से 32वें नंबर पर दर्ज है।
गौरतलब है कि कैथल में कुल 38 ऐसे निजी स्कूल हैं जिन्हें सरकार द्वारा नोटिस भेजा जा चुका है। इन स्कूलों की मान्यता न होने के बावजूद ये वर्षों से संचालित हो रहे हैं, जिससे बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ स्कूल अपनी गतिविधियाँ जारी रखे हुए हैं। सीएम फ्लाइंग की रेड के दौरान स्कूल प्रशासन कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्कूल बिना किसी सरकारी स्वीकृति के बच्चों को शिक्षा दे रहा है। यह शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के भविष्य के लिहाज से एक गंभीर मसला है।
हैरानी की बात यह रही कि छापेमारी के दौरान सीएम फ्लाइंग के अधिकारी मीडिया को कवरेज से रोकते नजर आए। पत्रकारों से कहा गया कि उन्हें बाद में वीडियो और जानकारी उपलब्ध करवा दी जाएगी। जब मीडिया ने अधिकारियों से इस बारे में प्रतिक्रिया चाही, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जब इस स्कूल के बारे में जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर की। जबकि यह स्कूल सरकार की उस सूची में शामिल है जो विभाग द्वारा ही तैयार की गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शिक्षा विभाग और फ्लाइंग टीम इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं?
इस मामले ने पूरे जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा कर दी है। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शैक्षणिक स्थिति, प्रमाण-पत्रों की वैधता और आगे की पढ़ाई में आने वाली समस्याएं अब बड़े मुद्दे बन गए हैं। सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है, लेकिन इसमें पारदर्शिता और जवाबदेही भी उतनी ही आवश्यक है। यदि विभागीय अधिकारी और प्रशासनिक टीमें मीडिया से ही जानकारी छिपाएंगी, तो आम जनता तक सच्चाई कैसे पहुंचेगी? फिलहाल जरूरत इस बात की है कि सरकार द्वारा जारी सूची के आधार पर सख्त कार्रवाई हो और सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को या तो वैध प्रक्रिया से मान्यता दिलाई जाए या फिर तत्काल बंद किया जाए, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
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