Edited By Deepak Kumar, Updated: 06 Apr, 2025 05:30 PM

‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पर दलालों द्वारा फर्जी रजिस्ट्रेशन करते हुए किसानों की फसलों की भावांतर योजना के तहत आने वाले राशि पर डाका डालने का मामला सामने आया है। जमीन किसान की है मगर बैंक खाता व मोबाइल नंबर किसी और का दर्ज किया जा रहा है। किसानों के...
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पर दलालों द्वारा फर्जी रजिस्ट्रेशन करते हुए किसानों की फसलों की भावांतर योजना के तहत आने वाले राशि पर डाका डालने का मामला सामने आया है। जमीन किसान की है मगर बैंक खाता व मोबाइल नंबर किसी और का दर्ज किया जा रहा है। किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी मामले में अधिकारियों से लेकर पुलिस को शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान की अगुवाई में किसानों ने जहां अधिकारियों पर दलालों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाये वहीं उनके साथ हो रहे फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है।
बता दें कि चरखी दादरी के दर्जनभर किसानों की राजस्थान के दलालों द्वारा फर्जी तरीके से ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पर उनकी फसलों का रजिस्ट्रेशन कर दिया गया। बाद में भावांतर योजना के तहत किसानों को मिलने वाली राशि को धोखाधड़ी से हड़प लिये। गांव के किसान सुभाष, कृष्ण, बलवान सिंह, जयभगवान व रामधारी इत्यादि ने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि कुछ लोगों द्वारा उनकी फसल का रजिस्ट्रेशन अपने नाम करके भावांतर भरपाई के तहत मिलने वाली राशि को हड़प लिया। मामले की जानकारी मिलने पर अधिकारियों से लेकर पुलिस तक शिकायत दर्ज करवाई गई। बावजूद इसके ना तो उनको मुआवजा मिला और ना ही कोई कार्रवाई की गई।
किसानों ने कहा कि राजस्थान के दलालों द्वारा हरियाणा के किसानों के साथ फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करवाकर धोखाधड़ी की जा रहा है। इस मामले में अधिकारी भी दलालों से मिले हुए हैं। किसानों का आरोप है कि मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों द्वारा दलालों से मिलकर किसानों के साथ समझौते भी करवाये जा रहे हैं। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह माने की अगुवाई में किसानों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के अलावा सख्त कानून बनाने की मांग उठाई है।
कृषि विभाग किसानों को सर्तकता के साथ खुद पंजीकरण की दे रहा नसीहत
कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी चंद्रभान श्योराण ने फोन पर बताया कि किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण खुद ही करें। अगर ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा रहे हैं तो सारी डीटेल अच्छी तरह से चेक कर लें। पंजीकरण कराने के बाद बीच-बीच में पोर्टल को चेक करते रहें, ताकि आपको किसी भी तरह के फ्रॉड का पता चल सके। थोड़ी सी जागरूकता से आप इस तरह की धोखाधड़ी को रोक सकते हैं। अगर किसान किसान के साथ धोखाधड़ी हुई है तो इसकी शिकायत तुरंत पुलिस व राजस्व विभाग को दें।
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