CBSE: अब बोर्ड परीक्षार्थियों को नहीं लगाना पड़ेगा रट्टा, बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न में किया बड़ा बदलाव

Edited By Manisha rana, Updated: 22 May, 2022 11:34 AM

cbse now board examinees will not guess board change exam pattern

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने अपने दसवीं व बारहवीं कक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। इसके बाद विद्यार्थियों को अब रट्टा लगाने की जरूरत...

फरीदाबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने अपने दसवीं व बारहवीं कक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। इसके बाद विद्यार्थियों को अब रट्टा लगाने की जरूरत नहीं होगी। सीबीएसई बोर्ड ने नौवीं-दसवीं एवं ग्यारहवीं-बारहवीं की परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया है। यह बदलाव सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति के तहत लिया है जोकि वर्ष 2022-23 से लागू होगी। इस नए बदलाव के तहत सीबीएसई अगले वर्ष से दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा एक बार ही आयोजित करेगा।

बता दें कि कि कोरोना काल में सीबीएसई ने विशेष परिस्थिति में दो बार विद्यार्थियों की ली थी। अब नए बदलाव के बाद विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि  बोर्ड द्वारा बदली परीक्षा प्रणाली में 40 प्रतिशत सवाल समझ पर आधारित होंगे। इससे बच्चों के रटने की प्रवृत्ति पर विराम लगेगी। इसमें केस आधारित सवाल होंगे। इसके अलावा 20 प्रतिशत सवाल वस्तुनिष्ठ होंगे और 40 प्रतिशत सवाल लघु उत्तरीय होंगे। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा में भी गुणवत्ता होगी। कोरोना के कारण दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दो पार्ट में टर्म-1 और टर्म-2 ली गयी लेकिन 2023 में फिर एक ही बोर्ड की परीक्षा होगी।

कोरोनाकाल वैसे तो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए काफी तनाव भरा रहा है परंतु सबसे अधिक तनावग्रस्त बोर्ड परीक्षाओं के विद्यार्थी रहे हैं। दो बार परीक्षाएं आयोजित होने तथा आफलाइन की बजाय ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के कारण विद्यार्थी परीक्षाओं के लिए काफी कशमकश की स्थिति में रहे। ऐसे में अब जबकि कोरोना का कहर कम होने लगा है तो सीबीएसई बोर्ड ने भी विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति को समझते हुए निर्णय लिया है। शिक्षाविदों का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है क्योंकि विद्यार्थी इसके लिए पहले मानसिक रूप से तैयार नहीं थे। विशेष रूप से वे विद्यार्थी काफी तनाव में आ गए जो करियर को लेकर काफी गंभीर थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई द्वारा किए गए बदलाव से बोर्ड के विद्यार्थियों को राहत मिल सकेगी। वहीं बदलाव में सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि दसवीं एवं बारहवीं की आंतरिक परीक्षा प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जिस तरह स्कूल पहले आंतरिक परीक्षा लेते थे, उसी तरह आगे भी लेते रहेंगे। इसके लिए पहले ही से गाइडलाइन जारी की गई है। कोविड के कारण बोर्ड को अपनी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करना पड़ा था। 

इसी पैटर्न पर होगी 9वीं व 11वीं की परीक्षा :
यह बदलाव केवल 10वीं व 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए ही नहीं लिया गया है बल्कि सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों को नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा भी इसी पैटर्न पर लेने का निर्देश दिया है। इससे छात्र अपना आकलन कर पायेंगे। वहीं नवीं व 11वी के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड द्वारा आंतरिक मूल्यांकन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आंतरिक मूल्यांकन पहले जैसे ही 20 फीसदी रखा गया है।

समझ पर आधारित होंगे 40 प्रतिशत सवाल
वर्ष 2021-22 में दो टर्म में बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी परंतु अगले सत्र से अब केवल सीबीएसई दसवीं व बारहवीं की साल मेें एक बार ही परीक्षा लेगा।  बोर्ड द्वारा बदली परीक्षा प्रणाली में 40 प्रतिशत सवाल समझ पर आधारित होंगे। इससे बच्चों के रटने की प्रवृत्ति पर विराम लगेगी। इसमें केस आधारित सवाल होंगे। सीबीएसई बोर्ड द्वारा अगले वर्ष होने वाली बारहवीं की परीक्षा में 50 प्रतिशत सवाल लघु एवं दीर्घ उत्तरीय पूछे जाएंगे। बारहवीं में समझ आधारित सवाल 30 प्रतिशत होंगे और 20 प्रतिशत सवाल वस्तुनिष्ठ होंगे। दसवीं में समझ आधारित सवाल 40 प्रतिशत होंगे। 

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