बजट किसान, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और आम आदमी विरोधी: अभय सिंह चौटाला

Edited By Isha, Updated: 01 Feb, 2025 05:26 PM

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इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव चौ. अभय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए बजट को किसान, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और आम आदमी विरोधी बताते हुए कहा कि आज

चंडीगढ़(धरणी): इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव चौ. अभय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए बजट को किसान, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और आम आदमी विरोधी बताते हुए कहा कि आज जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद वर्ग हैं उनकी पूर्णतया अनदेखी की गई है। इस बजट में न तो आम आदमी के लिए महंगाई दूर करने की, न ही युवाओं के लिए बेरोजगारी दूर करने की और न ही किसानों को उसकी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की कोई योजना बनाई गई है। वहीं हरियाणा प्रदेश की भी पूरी तरह से अनदेखी की गई है।


हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है और कोविड जैसी महामारी के दौरान भी जब सभी उद्योग भारी घाटे में चले गए थे तब भी कृषि छेत्र ऐसा था जिसने देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा था। लेकिन बजट में कृषि और उस पर आधारित किसान को राहत देने के बजाय उन्हे बहुत बड़ा आघात पहुंचाया है। किसानों के लिए उर्वरक खाद सब्सिडी 119000 करोड़ रूपए थी जिसे घटाकर 118900 लाख करोड़ कर दिया है, खाद्य सब्सिडी का बजट जो 205250 करोड़ था उसे घटाकर 203420 करोड़ रूपए कर दिया है वहीं धनाढ्य लोगों और बड़े उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम सब्सिडी को 11925 करोड़ से बढ़ाकर 12100 करोड़ रूपए कर दिया है।


रोजगार गारंटी कार्यक्रम का बजट जो 2024-25 में 86000 करोड़ रूपए था जिसे प्रदेश और देश के युवा जो बेरोजगारी की जबरदस्त मार झेल रहे हैं उन्हें मध्यनजर रखते हुए बढ़ाना चाहिए था लेकिन उसे 86000 करोड़ रूपए ही रखा गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को जो बजट इस साल 205250 करोड़ रूपए था उसे भी घटाकर 203000 करोड़ रूपए कर दिया गया है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का जो बजट इस साल 2200 करोड़ रूपए था उसमें भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।


वहीं इस साल जिन महत्वपूर्ण मदों का जो बजट रखा गया था उसे भी पूरा खर्च नहीं किया गया जैसे कृषि और संबद्ध छेत्र का का बजट 151851 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था लेकिन उसका सिर्फ 140859 करोड़ रूपए ही खर्च किया गया जबकि बड़े उद्योगों के लिए जो 47559 करोड़ रूपए बजट तय किया गया था उसको बढ़ाकर 56502 करोड़ रूपए खर्च किया गया। शिक्षा पर जो 125638 करोड़ रूपए बजट तय किया गया था उसका सिर्फ 114054 करोड़ रूपए खर्च किया गया। स्वास्थ्य पर जो 89287 करोड़ रूपए बजट था उसका 88032 करोड़ रूपए खर्च किया गया। ग्रामीण विकास का बजट 265808 करोड़ रूपए था उसका सिर्फ 190675 करोड़ रूपए खर्च किया गया। सामाजिक कल्याण का बजट 56501 करोड़ रूपए तय किया गया था जिसका सिर्फ 46482 करोड़ रूपए ही खर्च किया गया। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति योजना, ओबीसी और ईबीसी स्कोलरशिप अवार्ड स्कीम पर भी जो तय बजट था उससे बहुत कम खर्च किया गया।


अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कुल मिला कर यह बजट दिखावे मात्र का बजट है जिसके नाम बड़े और दर्शन छोटे हैं। बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जिस किसान की आय 2022 तक दोगुनी करने का वायदा किया गया था उसे बजट में पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। वहीं जिन वर्गों के वोट लेकर भाजपा सरकार देश और प्रदेश में सत्ता में आई थी उन सभी वर्गों की बुरी तरह से अनदेखी की गई है।

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