Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 06 Dec, 2022 10:56 PM
इन दिनों गर्भवती महिलाओं के गर्भ में 8 महीने, 9 महीने के शिशुओं की मौत होने का मामला गर्माया हुआ है।
डबवाली(संदीप): इन दिनों गर्भवती महिलाओं के गर्भ में 8 महीने, 9 महीने के शिशुओं की मौत होने का मामला गर्माया हुआ है। चौटाला गांव स्थित सरकारी अस्पताल में ग्रामीण धरनारत हैं। तीन मौतों की जांच की मांग कर रहे हैं तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने को कह रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी आते हैं तो ज्ञापन लेकर चले जाते हैं। हालांकि आंदोलन का असर नजर आने लगा है। डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में चिकित्सक गर्भवतियों की गहनता से जांच करने लगे हैं। मंगलवार को डबवाली में ऐसा ही एक मामला सामने आया। जब नौ माह की गर्भवती का खून चैक किया गया तो उसमें पांच ग्राम था। डिलीवरी के समय रिस्क था तो महिला रोग विशेषज्ञ ने एबी पाजीटिव रक्त की मांग की। गांव खुइयांमलकाना निवासी राजकुमार उर्फ राजू ने बताया कि उसकी पत्नी रेखा जैतो मंडी थी। डिलीवरी का समय नजदीक है इसलिए वह उसे जैतो मंडी (पंजाब) से लेकर आया है। उसने जांच करवाई तो रक्त की मात्रा महज पांच ग्राम बताई गई। उसने एबी पाजीटिव रक्त की मांग की थी। इधर चिकित्सकों के मुताबिक रेखा को डिलीवरी से पहले तीन यूनिट रक्त की जरुरत पड़ेगी। अंतिम माह है, इसलिए रक्त चढ़ाने में भी सावधानी बरतनी होगी।
डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक में महज एक यूनिट रक्त था, जोकि सीजेरियन के लिए अरेंज किया गया था। ऐसे में इमरजेंसी में रक्त की जरुरत थी। ब्लड बैंक में तैनात कर्मचारियों ने संबंधित गर्भवती के पति को रक्त लाने के लिए फार्म सौंप दिया। लेकिन उस पर ब्लड ग्रुप नहीं लिखा। हालांकि यह चूक थी, लेकिन ब्लड टेस्ट करके यह जरुर बता दिया था कि रक्त एबी पाजीटिव है। सामाजिक संस्था अपने के सदस्य गुलशन वधवा ने रक्तदान किया। वधवा के मुताबिक उसके खून से एक नही दो जिंदगियों को जीवन मिलेगा। डा. राहुल गर्ग ने वधवा को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया।
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