CM खट्टर की मर्जी से होगी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति, इस नेता का नाम रेस में सबसे आगे

Edited By vinod kumar, Updated: 16 Feb, 2020 07:59 PM

bjp state president will be appointed by the wishes of cm khattar

हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद पर क्या सुभाष बराला बने रहेंगे या जाएंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद जाट या गैर जाट में से किसके खाते में जाएगा।

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद पर क्या सुभाष बराला बने रहेंगे या जाएंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद जाट या गैर जाट में से किसके खाते में जाएगा। यह चर्चाएं भाजपा के अधिकांश नेताओं में ज्यादातर देखी जा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक भजपा में इस मसले में मंथन के दौर लगातार जारी हैं।

भाजपा के अंदर सांसदों में से किसी को न बनाने के साथ-साथ हाल ही के चुनावों में पराजित किसी भी नेता को अध्यक्ष न बनाने पर चर्चाएं हो चुकी हैं। हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्ति आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री मनोहरलाल की मर्जी से होगी, इसमे कोई संशय नहीं है। भाजपा आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी उसी व्यक्ति को देगी जो मुख्यमंत्री के कंधे के साथ कंधा मिला कर चल सके व तालमेल रख पार्टी को मजबूती दे सके।

कैबिनेट में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समेत चार जाट मंत्री
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पार्ट 2 कैबिनेट में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समेत चार जाट मंत्री बनाए गए हैं। भाजपा का मानना है कि विधानसभा चुनाव में जाटों ने पार्टी को इस बार वोट नहीं दिए, इसलिए उनकी नाराजगी दूर करने के लिए नई कैबिनेट में जाटों को अधिक अहमियत दी गई है। इसके बावजूद पार्टी अध्यक्ष पद पर किसी गैर नेता को तवज्जो दी जाए।

पूर्व मंत्री राव नरबीर को भी मिल सकती है कुर्सी
चर्चा है कि भजपा में प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी पूर्व मंत्री राव नरबीर को भी मिल सकती है। नरबीर 2014-19 मनोहर सरकार पार्ट 1 में पावर फुल केबिनेट मंत्री रहें है। दक्षिण हरियाणा खासकर अहीरवाल बैल्ट में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की इच्छा पूर्ति के चलते नरबीर को 2019 में भजपा ने टिकट नहीं दी। राव नरबीर दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेताओं में से एक हैं।

इन नेताओं का नाम भी चर्चा में 
भजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार प्रधान पद के लिए चर्चित नामों में कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, सांसद संजय भाटिया, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुज्जर, केंद्रीय मंत्री रत्न लाल कटारिया, सांसद नायाब सिंह सैनी जैसे नामों पर भी चर्चा हो चुकी है। सांसद नायाब सिंह सैनी व सांसद संजय भाटिया दोनों मुख्यमंत्री के अत्यंत विश्वसनीय साथियों में से हैं। 

सांसद संजय भाटिया सीएम खट्टर के विश्वनसनीय साथी
बता दें कि करनाल के सांसद संजय भाटिया की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सबसे विश्वनसनीय साथियों में होती है। वह संगठन में महामंत्री भी हैं। मुख्यमंत्री की रथयात्रा का पूरा शेड्यूल संजय भाटिया ने तैयार कर उसे क्रियान्वित किया था। टिकटों के बंटवारे में उनकी राय को खासी अहमियत मिली थी। 

अगले माह की शुरुआत में प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी संभावित
अगले माह की शुरुआत में ही प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी संभावित है। वर्तमान अध्यक्ष सुभाष बराला भी विधानसभा चुनाव हारें हुए हैं, इसलिए किसी हारे हुए को न बनाने के निर्णय का असर इन पर भी पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री क्योंकि पंजाबी हैं, इसलिए चर्चा है कि किसी गैर पंजाबी की ताजपोशी ही प्रदेश अध्यक्ष पर जातीय संतुलन साधने के लिए की जा सकती है। 2019 में हुए चुनाव भजपा ने सुभाष बराला की अध्यक्षता में लड़े। जाट बाहुल्य क्षेत्रों में भजपा के अधिकांश चेहरे चुनाव हार गए। जबकि बराला की केमिस्ट्री मुख्यमंत्री के साथ 5 साल बहुत बढिय़ा चली।

भाजपा संगठन ने यदि किसी विधायक को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी तो पानीपत ग्रामीण हलके से दूसरी बार एमएलए बने महीपाल सिंह ढांडा का नाम भी चर्चा में रहा। वहीं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए कुछ समय के लिए चला, लेकिन अब वह अध्यक्ष पद के लिए किसी भी सूरत में मंत्री पद छोडऩे को तैयार नहीं होंगे।

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