भजपा विधायक प्रमोद विज की सी एम से गुहार, पानीपत को करवाएँ एनसीआर से बाहर(VIDEO)

Edited By Isha, Updated: 23 Feb, 2022 07:59 PM

पानीपत जिले का एनसीआर में शामिल होना जहां क्षेत्र के विकास की संभावनाओं में बढ़ोतरी माना जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक नगर पानीपत इसके कारण भविष्य में हो रहे बड़े नुकसान को भी देख रहा है। दरअसल

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पानीपत जिले का एनसीआर में शामिल होना जहां क्षेत्र के विकास की संभावनाओं में बढ़ोतरी माना जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक नगर पानीपत इसके कारण भविष्य में हो रहे बड़े नुकसान को भी देख रहा है।

दरअसल पानीपत एक टेक्सटाइल औद्योगिक नगर है। लेकिन एनजीटी की गाइडलाइन के कारण यहां के उद्योगों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिसके चलते बनाई गई गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना हो तो उत्पादित सामान की लागत कीमत में कहीं अधिक वृद्धि हो जाती है। अगर वृद्धि हुई तो मुकाबले में खड़े अन्य प्रदेशों से पानीपत बेहद पिछड़ सकता है।

अगर ऐसा हुआ तो यहां रह रहे लाखों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। पानीपत प्रदेश का एक भारी भरकम टैक्स प्रदेश- देश के खजाने में जमा करवाने वाला जिला है। अब अगर सरकार की पाबंदियों में घटोत्तरी ना हुई तो यहां पर मौजूद बड़ी मात्रा में औद्योगिक इकाइयां दूसरे प्रदेशों की तरफ पलायन कर सकती हैं। इस गंभीर मसले को लेकर पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान पानीपत शहर के विधायक प्रमोद विज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से एनजीटी से मिलकर लगाए गए प्रतिबंधों पर छूट का निवेदन किया है।

 

कोयले के प्रयोग से बढ़ जाएगी उत्पाद पर लागत कीमत
विज ने बताया कि एनसीआर में शामिल पानीपत को अपनी इंडस्ट्री सुचारू रखने में बहुत बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कुछ महीनों बाद यहां कोयले के प्रयोग पर बिल्कुल रोक लग जाएगी और प्राकृतिक गैसों के प्रयोग से उत्पादन क्षेत्र चलाना होगा। जबकि गैस के प्रयोग से वस्तु की लागत कीमत में बढ़ोतरी होगी और अपने बॉयलरों को बदलवाने के लिए एक भारी-भरकम खर्च व्यापारी की जेब पर पड़ेगा। यह एक गंभीर समस्या है। अगर प्रदेश सरकार इस पर गौर नहीं करती तो पानीपत की बड़ी इंडस्ट्री मजबूरन दूसरे बिना पाबंदियों वाले प्रदेशों की तरफ रुख कर सकती हैं। 

औद्योगिक इकाइयों के पलायन से लाखों लोग हो जाएंगे बेरोजगार
पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने एनसीआर से पानीपत को बाहर करवाने की मांग के साथ-साथ एक अन्य विकल्प प्रदेश सरकार को दिया है और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को एनजीटी के पास जाकर इन प्रतिबंधों के लिए समय बड़वाना चाहिए और केंद्र सरकार को टैक्सटाइल इंडस्ट्री को एट पार करने का बड़ा फैसला लेना चाहिए ताकि पानीपत के उद्योग धंधे स्थापित रहे और लाखों लोग अपने परिवार का जीवन यापन करते रहे। शहरी विधायक प्रमोद विज ने बताया कि वह इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर पहले भी गुहार लगा चुके हैं।

 

एक्सपोर्टरो को ट्रांसपोर्टेशन में भी सरकार दे राहत

वहीं दूसरी तरफ प्रमोद विज ने बताया कि पानीपत के एक्सपोर्टर्स को अपना माल मुंबई भेजने में ट्रांसपोर्ट पर भारी भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है, जबकि मुंबई के पड़ोसी प्रदेशों को यह खर्च काफी कम पड़ता है। इसलिए हमारे उद्योग धंधों पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। हम उस रेट में व्यापारी को अपना उत्पाद नहीं दे पाते जिस रेट में वह प्रदेश दे देते हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को टर्न ओवर के हिसाब से सभी एक्सपोर्टरो को कुछ राहत अवश्य देनी चाहिए। विज ने इस गंभीर समस्या पर गहन चिंतन की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आज पानीपत की इंडस्ट्री पूरे विश्व में एक स्थान बनाए हुए हैं। पानीपत अकेला जिला प्रदेश के खजाने को भरने में एक अहम योगदान दे रहा है। यह मुद्दा केवल पानीपत का ही नहीं बल्कि प्रदेश के विकास से जुड़ा मुद्दा है। जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील है कि इस और गंभीरता से विचार करके यहां की लाखों आबादी को इस संकट से उबार है।

 

पानीपत में औद्योगिक प्लाट कम कीमत पर व्यापारी को मिले ऐसी नीति बननी चाहिए
साथ ही पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने औद्योगिक प्लॉटों की लगातार बढ़ रही कीमतों पर चिंता जताते हुए कहा कि आज व्यापारी अपने उद्योग धंधों को शुरू करने के लिए एक इतनी बड़ी रकम प्लाट खरीदने में लगाता है कि वह अपने उद्योग धंधों को अच्छे तरीके से शुरू नहीं कर पाता इसीलिए इन दिक्कतों के लिए प्रदेश सरकार को एक विकल्प के रूप में कोई अच्छा फैसला लेना चाहिए कोई ऐसी नीति जिससे लीज पर यह थोड़ी पूंजी देकर व्यापारी को जगह मिल जाए और वह प्लाट की जगह अपने बिजनेस में यह पैसा लगाकर पर देश के हित में कार्य कर सकें अपने बिजनेस में लोगों को रोजगार दे सके यह फैसला प्रदेश के साथ-साथ आमजन के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

इस मौके पर पानीपत शहर के विधायक ने 2 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में रिसेस पीरियड की शुरुआत को एक बेहद सुंदर कदम बताया। उन्होंने कहा कि उत्तरी भारत में ऐसा सिस्टम लाने वाला हरियाणा पहला प्रदेश है। इससे विधायिका के सदस्यों को प्रदेश के बजट को पढ़ने-समझने और फिर सुझाव देने का मौका एक सराहनीय कदम है। प्रदेश के लिए आने वाले बजट से उम्मीद जताते हुए कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने पहले बजट भी प्रदेश और जनहित में पेश किए। इस बजट से भी यही उम्मीद है कि पूर्व में आए बजट की तरह इसमें हर वर्ग किसान, व्यापारी, मजदूर, गरीब, अमीर, दुकानदार इत्यादि के हितकर बजट होगा।

 

 

 

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