Edited By Isha, Updated: 16 Mar, 2024 06:18 PM
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. विनीत पुनिया ने कहा है कि भाजपा-जजपा के बीच गठबंधन टूटने के बाद भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला के बीच गुप-चुप मुलाकात एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ताज़ा
चंडीगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. विनीत पुनिया ने कहा है कि भाजपा-जजपा के बीच गठबंधन टूटने के बाद भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला के बीच गुप-चुप मुलाकात एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ताज़ा बयान से दोनों पक्षों की मिलीभगत की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा-जजपा गठबंधन भाजपा नेतृत्व के इशारे पर दोनों दलों ने आपसी सहमति से केवल दिखावे के लिए तोडा है, वास्तव में दोनों पार्टियों के बीच पर्दे के पीछे अभी भी गठजोड़ है।
दोनों ने सत्ता विरोधी वोट बांटने के लिए गठबंधन तोड़ने का यह ड्रामा रचा है। डॉ. पुनिया ने कहा कि एक तरफ भाजपा की जजपा विधायकों को तोड़ने की खबरें आ रही हैं और दूसरी तरफ गठबंधन टूटने के बाद भी दुष्यंत चौटाला भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चोरी-छिपे मिलकर क्या भाजपा-जजपा के बीच अंदरूनी गठजोड़ की रणनीति बना रहे थे?
डॉ. पुनिया ने अमित शाह के ताजा बयान का भी जिक्र किया, जिसमे गृह मंत्री शाह ने कहा है कि भाजपा का जजपा से गठबंधन झगड़ा करके नहीं टूटा है, दोनों अच्छे मूड में अलग हुए हैं, भाजपा और जजपा के बीच रिश्ता अभी भी खराब नहीं है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत की मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात और अमित शाह का ताज़ा बयान बताता है कि भाजपा-जजपा के बीच पर्दे के पीछे जनता को बेवकूफ बनाने का खेल चल रहा है।
डॉ. पुनिया ने याद दिलाया कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले भी दुष्यंत चौटाला भाजपा को जमुना पार भेजने की बात कहते थे। जजपा ने भाजपा के खिलाफ 10 विधानसभा सीटें और 15 प्रतिशत वोट लिए। यह सभी वोट भाजपा के विरोध में पड़े थे। पूरा प्रदेश इस गठबंधन के विरोध में था, मगर जजपा ने भाजपा के साथ सरकार बना ली। पिछले साढ़े चार वर्षों में जजपा ने भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की मलाई खाई और जमकर लूट मचाई। किसान आंदोलन, अग्निवीर, कर्मचारियों, महिला पहलवानों जैसे मुद्दों पर ना केवल जजपा चुप्पी साधे रही, बल्कि भाजपा की गलत नीतियों का समर्थन भी किया, इसलिए जनता को उनसे ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।