‘आप’ को पटखनी देने के लिए दिल्ली में भाजपा-जजपा मिलकर लड़ सकती हैं चुनाव

Edited By vinod kumar, Updated: 14 Jan, 2020 10:04 AM

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भाजपा-जजपा गठबंधन अब दिल्ली में मिलकर चुनाव लडऩे की तैयारी में है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को पटखनी देने के लिए दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लडऩे का लगभग फैसला कर लिया है जिसकी घोषणा कभी भी हो सकती है। लोकसभा चुनाव दौरान हरियाणा में जजपा और ‘आप’ के...

दिल्ली/चंडीगढ़(कमल कांसल/धरणी): भाजपा-जजपा गठबंधन अब दिल्ली में मिलकर चुनाव लडऩे की तैयारी में है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को पटखनी देने के लिए दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लडऩे का लगभग फैसला कर लिया है जिसकी घोषणा कभी भी हो सकती है। लोकसभा चुनाव दौरान हरियाणा में जजपा और ‘आप’ के बीच समझौता था,जो विधानसभा चुनाव से पहले टूट गया था। दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़े लेकिन अब जजपा दिल्ली में ‘आप’ के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के लिए भाजपा से हाथ मिलाकर कदम ताल कर रही है।

दिल्ली में ‘आप’ व कांग्रेस को हराने के लिए जजपा का रहेगा सहयोग : मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस को हराने के लिए जजपा का सहयोग रहेगा और भाजपा सत्ता प्राप्त करेगी। उन्होंने इशारा किया कि दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। जजपा की भाजपा हाईकमान के नेताओं से बातचीत हुई है तो ऐसे में गठबंधन का रास्ता जल्द निकलेगा।

प्रदेश के नेताओं के हाथ रहेगी आऊटर दिल्ली संभालने की कमान
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस,भारतीय जनता पार्टी व आम आदमी पार्टी (आप) सहित जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने कमर कस ली है। दिल्ली चुनावों में बवाना, मुंडका, नजफगढ़, बदरपुर, नागलोई, मटियाला, बादली, नरेला, बुराड़ी, रिठाला, देवली, किराड़ी, उत्तमनगर, खानपुर, महिपालपुर ऐसे विधानसभा क्षेत्र माने जाते हैं जहां हरियाणवी बहुतायत में हैं। झज्जर, सोनीपत, रोहतक जिलों के बॉर्डर के साथ लगती विधानसभा सीटें जाट बाहुल्य भी हैं इसीलिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी के प्रचार के लिए हरियाणा के नेताओं के हाथों में आऊटर दिल्ली की कमान रहेगी।

भाजपा के निशान पर चौटाला ने उतारे थे उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में जब मदनलाल खुराना जीवित थे व उनकी खूब चलती थी उन दिनों इनैलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला व मदन लाल खुराना में मित्रता थी तब भाजपा का केवल एक बार इनैलो से गठबंधन हुआ था और उसे 3 सीटें मिली थीं जिनमें से इनैलो केवल नजफगढ़ सीट जीती व भरत सिंह विधायक बने थे। खुराना व चौटाला की मित्रता इतनी प्रगाढ़ थी कि उस वक्त चौटाला ने उनकी पार्टी की जीत के लिए कई उम्मीदवार भाजपा के चुनाव निशान पर उतार दिए थे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की भी चौटाला से दोस्ती रही है। इनैलो ने दिल्ली में सीधे तौर पर अपने उम्मीदवार तब उतारे थे जब दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी सुषमा स्वराज को मिली थी।   

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