Edited By vinod kumar, Updated: 22 Sep, 2021 09:10 PM
हरियाणा में भाजपा सरकार गठन बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नकल रोकने व मेरिट के आधार पर पात्र बच्चों को नौकरी देने को लेकर भर्ती प्रक्रिया में तरह-तरह के बदलाव किए गए। लेकिन उसके बावजूद लगातार पेपर लीक मामले ने सरकार की इस सारी कोशिशों पर पानी...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में भाजपा सरकार गठन बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नकल रोकने व मेरिट के आधार पर पात्र बच्चों को नौकरी देने को लेकर भर्ती प्रक्रिया में तरह-तरह के बदलाव किए गए। लेकिन उसके बावजूद लगातार पेपर लीक मामले ने सरकार की इस सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। विपक्ष ने इस मुद्दे सरकार को खूब घेरने की कोशिश की। एक और जहां कमीशन के चेयरमैन भोपाल सिंह की सिफारिश पर एक सख्त कानून बनाया गया। वहीं अब कमीशन ने एक बड़ा बदलाव नकल रोकने को लेकर किया है। इस बारे में पंजाब केसरी ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। जिसमें भविष्य में होने वाली भर्तियों लेकर भी चर्चा हुई।बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-
प्रश्न:- नकलचियों पर लगाम लगाने के लिए निकाला गया बारकोड का फार्मूला क्या है ?
उत्तर:- वैसे तो यह सारी चीजें कॉन्फिडेंसल होती हैं। हमने इस बार प्रश्न पत्र के हर पेज पर बारकोड दिया था। बारकोड में कैंडिडेट और उसका सेंटर (संस्था) उसमें उसकी जानकारी हिडन होती है। बच्चे का रोल नंबर व सेंटर कोड इसमें होता है। अगर यह पेपर कहीं से किसी भी वजह से आउट हुआ तो आयोग और पुलिस को तुरंत पता चल जाएगा कि यह पेपर कौन से स्कूल से और कौन से कैंडिडेट का आउट हुआ है। पहले पुलिस हवा में तीर मारती थी। अब वह एग्जैक्ट कैंडिडेट के पास पहुंचेगी और उसे गिरफ्तार करेगी। स्कूल का सुपरिटेंडेंट स्टाफ भी इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।
हाल ही में महिला सिपाही और 26 तारीख को फीमेल और मेल एसआई का पेपर है। इन सभी में बारकोड का यह फार्मूला अपनाया गया। कोई भी व्यक्ति किसी भी संसाधन से प्रश्न पत्र के पेज की इमेज लेगा या किसी प्रकार से सॉल्व करवाने की कोशिश करेगा तो सारी बात आसानी से आयोग और पुलिस के सामने होगी। मेरी ऐसे व्यक्तियों से विनती भी है और चेतावनी है कि वह बिल्कुल ऐसा ना करें। क्योंकि इससे उनकी जिंदगी खराब हो जाएगी। इससे स्कूल और प्रार्थी हमारे रडार पर आ जाएंगे। क्योंकि अभी तक पुलिस जांच करती थी कि पेपर कहां से आउट हुआ। अब सीधा उसी व्यक्ति तक और उस स्कूल तक पुलिस तुरंत पहुंचेगी यानि अब नकल करने या करवाने वालों की बिल्कुल भी खैर नहीं है।
प्रश्न:- आईपीसी में नकल को लेकर कानून होने के बावजूद आपने सख्त कानून की वकालत की और सरकार ने कानून बनाया भी। आखिर इसकी जरूरत क्यों समझी गई ?
उत्तर:- क्रिमिनल लॉ में इस प्रकार के मामलों में साधारण ट्रीट होता था। सजा का कोई प्रावधान नहीं था। बेल भी हो जाती थी। अब सरकार ने यह कड़ा कानून बनाया है। इसमें दोषी व्यक्ति की संपत्ति तक जब्त करने का प्रावधान है। 7 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माना का प्रावधान है। कानून का भय होना जरूरी है। हालांकि सख्त कानून के बावजूद आज भी हत्याएं होती हैं। लेकिन सख्त कानून बनने के बाद अब कहीं ना कहीं इस प्रकार के मामलों पर अंकुश लगेगा।
प्रश्न:- आने वाले दिनों में कौन-कौन सी परीक्षाएं आयोग लेने जा रहा है और कौन-कौन सी तिथियां सुनिश्चित की गई हैं ?
उत्तर:- अभी 26 सितंबर को मेल और फीमेल सब इंस्पेक्टर का पेपर है। उसके बाद 29-30-31 अक्टूबर को जो मेल कांस्टेबल की परीक्षाएं रद्द हुई थी उनका शेड्यूल जारी कर दिया गया है। दो-चार दिन में हम उसका नोटिस निकालने वाले हैं। 14 नवंबर को हमारा पीजीटी संस्कृत का और 11-12 दिसंबर को ग्राम सचिव व पटवारी का पेपर है। कुछ समय पहले कमांडो की पीएमटी और पीएसटी हुई थी। जिसकी दौड़ 29 सितंबर से शुरू होने जा रही है। जो कि 3 दिन चलेगी। इतने में फीमेल का लिखित पेपर आ जाएगा। उसके बाद 7 गुना फीमेल कांस्टेबल की लड़कियों की दौड़ का कार्यक्रम रहेगा। तब तक हमारा सब इंस्पेक्टर का लिखित परीक्षा का रिजल्ट आ जाएगा। उनकी भी दौड़ इसी क्रम में लगातार अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में करवाई जाएगी।
प्रश्न:- पुलिस भर्ती में कितनी पोस्टों के लिए कितनी महिला और कितने पुरुष कैंडिडेट हैं ?
उत्तर:- मेल सब इंस्पेक्टर की 400 पोस्टों के लिए एक 158206 कैंडिडेट तथा महिला उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) कि 63 पोस्टों के लिए 56200 कैंडिडेट की एप्लीकेशन प्राप्त हुई है।
प्रश्न:- एचएसआईडीसी में असिस्टेंट मैनेजर, कोऑपरेटिव में इंस्पेक्टर व नायब तहसीलदार जैसी पोस्टों को लेकर क्या कोई प्रपोजल है ?
उत्तर:- 15 दिन के लिए हमने यह रिओपन की थी। लेकिन बच्चों का अनुरोध आया कि कमीशन का सर्वर डाउन होने की वजह से वह एप्लीकेशन नहीं कर पाए। जिसके चलते हमने 7 दिन के लिए उसे बढ़ाया था। 6 सितंबर को ही यह समाप्त हुआ। हम इनकी फरवरी में परीक्षाएं लेने जा रहे हैं।
प्रश्न:- प्रशन पत्रों में डिफाइंड सिलेबस न आने की वजह से काफी निराशा देखी जाती है। हरियाणा से जुड़े कुछ प्रश्नों को लेकर भी क्या कोई विचार है ?
उत्तर:- हमारे प्रश्नों में हरियाणा से जुड़ी जीके के 25 फ़ीसदी प्रश्न आते हैं। लेकिन पुलिस रिक्रूटमेंट एक्ट के अनुसार पुलिस विभाग की तरफ से सिलेबस सुनिश्चित किया हुआ है और हमें उसी दायरे में से प्रश्नपत्र तैयार करने होते हैं। उन्होंने हरियाणा जीके से जुड़ा सिलेबस हमारे पास नहीं भेजा हुआ। जिस कारण से मेल फीमेल कांस्टेबल या मेल फीमेल सब इंस्पेक्टर में यह प्रश्न शामिल नहीं किए जाते।
प्रश्न:- क्या पुलिस एक्ट में बदलाव की आवश्यकता आप समझते हैं ?
उत्तर:- मैं कैंडिडेट्स के साथ हूं और उनके इस बारे में मेरे पास अनुरोध आते रहते हैं। मैं इसमें प्रावधान की आवश्यकता समझता हूं। इसमें इंग्लिश हिंदी बिल्कुल नहीं है। जोकि होने चाहिए।
प्रश्न:- जाति सूचक शब्द या कुछ जानवरों से जुड़े नाम आने के बाद कई बार एतराज देखे गए। इसे रोकने की क्या व्यवस्था है ?
उत्तर:- एग्जामिनर, प्रिंटर या सेटर के साथ हमने एग्रीमेंट किया हुआ है कि आप किसी जात-बिरादरी-धर्म का उल्लेख इन प्रश्नों में नहीं करेंगे। जिससे कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। हालांकि हम इन पेपरों को नहीं पढ़ते। अगर यह पेपर हम पढ़ते होते तो पेपर लीक मामले में हम भी सवालों के घेरे में आते। पेपर की पूरी जानकारी प्रेस या सेटर की होती है।
प्रश्न:- कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर आयोग युद्ध स्तर पर लगा है। उसके लिए कौन सी तिथि सुनिश्चित की गई है ?
उत्तर:- आज चेयरमैन विनीत जोशी से हमारी बात हुई है। सी ए टी की परीक्षा दिसंबर तक करवाना फाइनल हुआ है। आज कल में हमारा उनके साथ एग्रीमेंट हो जाएगा।
प्रश्न:- ए एल एम कि कई साल से एडवर्टाइजमेंट पेंडिंग है। उसे लेकर क्या तैयारियां हैं ?
उत्तर:- जिन पदों पर एडवर्टाइजमेंट हो चुके हैं उस पर सी ए टी लागू नहीं होगा। क्योंकि एएनएम की एडवर्टाइजमेंट हो चुकी है और इसके 3 शिफ्ट ऑनलाइन पेपर भी होने थे। जिसका एक शिफ्ट का पेपर हमने ले भी लिया था। लेकिन सरकार के पास यह पेपर लीक होने की इनपुट थी। जिस कारण से यह पेपर रद्द कर दिया गया था। नवंबर के मध्य हम यह पेपर लेंगे।
प्रश्न:- सामाजिक-आर्थिक मापदंडों की आप की व्यवस्था में बदलाव करते हुए 10 की जगह 5 नंबर किए गए। यह किस कारण से हुआ ?
उत्तर:- अभी जो सोशियो-इकोनामिक के नंबर थे वह अधिक से अधिक कोई कैंडिडेट 10 ले सकता था। पिछले रिजल्ट में सरकार ने पाया कि इसके कारण मेरिट के बच्चे पीछे रह गए। जिन्होंने लिखित परीक्षा में खूब नंबर लिए थे। लेकिन सोशियो इकोनामिक की वजह से वह रह गए तो सरकार ने यह 10 नंबर को अधिक माना और सीईटी में एक नोटिफिकेशन के माध्यम से इन्हें पांच किया गया।
प्रश्न:- आपके चेयरमैन पद संभालने के बाद अब तक कितनी भर्तियां हुई और 31 मार्च तक कितनी भर्तियां करेंगे ?
उत्तर:- 24 मार्च 2021 को हमारा नया आयोग गठित हुआ था। तब से अब तक हमने 7000 लोगों को रिजल्ट देकर जॉइनिंग करवा दी है और 31 दिसंबर तक हम 15000 लोगों को जॉइनिंग करवा देंगे। 31 मार्च 2022 तक हमारा लक्ष्य 25000 लोगों को नौकरी देना है।