Edited By Manisha rana, Updated: 18 Dec, 2024 01:13 PM
सिरसा को बसाने वाले संत बाबा सरसाईनाथ के नाम पर संचालित किया जा रहा ट्रस्ट जरूरतमंद प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को पंख लगाने का काम कर रहा है। ट्रस्ट की ओर से उन्हें पढ़ाई के लिए न सिर्फ नि:शुल्क किताबें उपलब्ध करवाई जा रही हैं, बल्कि स्टेशनरी का भी...
सिरसा : सिरसा को बसाने वाले संत बाबा सरसाईनाथ के नाम पर संचालित किया जा रहा ट्रस्ट जरूरतमंद प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को पंख लगाने का काम कर रहा है। ट्रस्ट की ओर से उन्हें पढ़ाई के लिए न सिर्फ नि:शुल्क किताबें उपलब्ध करवाई जा रही हैं, बल्कि स्टेशनरी का भी प्रबंध किया जा रहा है। इस नेक कार्य में ट्रस्ट को शहर के लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। ट्रस्ट के प्रयासों से हर साल सैंकड़ों की संख्या में बच्चे लाभांवित हो रहे हैं।
दरअसल जरूरतमंद परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों के अभिभावक हर साल उनकी कापी-किताबों का हजारों रूपए का खर्च नहीं उठा पाते। दाखिला प्रक्रिया के समय अभिभावकों के माथे पर इसी चिंता को लेकर बल पड़े रहते हैं। शहर के समाजसेवी लोगों ने ऐसे बच्चों को निशुल्क किताबें मुहैया करवाने के लिए 4 साल पहले एक मंच तैयार किया। जिसका नाम रखा गया बाबा सरसाईनाथ बुक्स वैल्फेयर ट्रस्ट। ट्रस्ट सदस्यों ने शहर में व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान छेड़ा।
जनमानस काे आह्वान किया गया कि वे अपने बच्चों की पुस्तकें रद्दी में बेचने की बजाय ट्रस्ट को भेंट करें, ताकि यह जरूरतमंद बच्चों के काम आ सके। ट्रस्ट की अपील का खासा असर हुआ। सैकड़ों की संख्या में लोग शहर की श्रीगौशाला में संचालित बाबा सरसाईनाथ बुक्स वैल्फेयर ट्रस्ट के कार्यालय पहुंचे और अपने बच्चों की पुस्तकें सौंपी। ट्रस्ट के पास जब काफी मात्रा में विभिन्न कक्षाओं की पुस्तकें आ गईं, तो जरूरतमंद परिवारों से ट्रस्ट कार्यालय आकर अपनी जरूरत की पुस्तकें बिना किसी शुल्क के लेने का आह्वान किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष गुरदीप सैनी व महासचिव प्रेम कंदोई बताते हैं कि इस शैक्षणिक सत्र में करीब 1 हजार बच्चों को किताबें व स्टेशनरी का वितरण किया गया है।
4 सालों में 3 हजार से ज्यादा बच्चे विभिन्न कक्षाओं की पुस्तकें यहां से प्राप्त कर चुके हैं। कक्षाओं के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें भी यहां उपलब्ध हैं। जिसे जो भी पुस्तकों की जरूरत है, वह श्रीगौशाला में आकर ट्रस्ट कार्यालय से नि:शुल्क पुस्तकें प्राप्त कर सकता है। सैनी व कंदोई ने बताया कि पुस्तकें प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी को यहां एक फार्म भरकर देना होता है, जिसमें उसके स्कूल व कक्षा की जानकारी दर्ज की जाती है। इसके बाद स्कूल प्राचार्य की अनुशंसा के बाद बच्चे को संबंधित पुस्तकें नि:शुल्क दे दी जाती हैं। प्राचार्य की अनुशंसा इसलिए मांगी जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वास्तव में विद्यार्थी को इन पुुस्तकों की जरूरत है और वह इनका सदुपयोग करेगा। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने बताया कि मानवता का जो यज्ञ उन्होंने शुरू किया था, उसमें शहर के मानवता प्रेमी लोग बढ़ चढ़कर आहुति डाल रहे हैं। इसी का प्रतिफल है कि अब ट्रस्ट के पास हजारों की संख्या में पुस्तकों का भंडार एकत्रित हो चुका है।
ये लोग सफलतापूर्वक चला रहे ट्रस्ट
बाबा सरसाईनाथ बुक्स वैल्फेयर ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक राजेन्द्र रातुसरिया हैं, जबकि संरक्षक जयपाल नैन को बनाया गया है। गुरदीप सैनी अध्यक्ष व प्रेम कंदोई महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सीताराम खत्री को कोषाध्यक्ष व शमशेर सिंह को वरिष्ठ उपप्रधान का दायित्व दिया गया है। बलवंत सिंह उपप्रधान व नरेन्द्र सिंह काहलों सचिव का पदभार संभाले हुए हैं।
इसी प्रकार सतीश मित्तल को-ऑडिटर, सौजन्य विमलेश को मुख्य सलाहकार, आशीष सिंगला को कानूनी सलाहकार, नवीन कुमार सिंगला को संगठन सचिव एवं फतेह सिंह विर्क को प्रचार सचिव का जिम्मा दिया गया है। यह समस्त टीम मिलकर जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का उजियारा फैलाने का काम पूरी शिद्दत के साथ कर रही है।
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