Edited By Saurabh Pal, Updated: 22 Jul, 2023 09:57 PM

चीन में होने वाले एशियाई खेलों के लिए बिना ट्रायल के कुश्ती खिलाड़ियों का नाम भेजने को लेकर खिलाड़ियों में हुए घमासान के बाद अब बॉक्सिंग खेल में भी विवाद खड़ा हो गया है। स्टार भारतीय बॉक्सर अमित पंघाल का नाम आगामी एशियन गेम्स में नहीं भेजा गया है।...
रोहतक(दीपक भारद्वाज) : चीन में होने वाले एशियाई खेलों के लिए बिना ट्रायल के कुश्ती खिलाड़ियों का नाम भेजने को लेकर खिलाड़ियों में हुए घमासान के बाद अब बॉक्सिंग खेल में भी विवाद खड़ा हो गया है। स्टार भारतीय बॉक्सर अमित पंघाल का नाम आगामी एशियन गेम्स में नहीं भेजा गया है। इसका आधार बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए मूल्यांकन के नए मापदंड को बताया गया है।
जिसको लेकर अमित पंघाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमित पंघाल ने कहा कि मूल्यांकन के नए नियम लागू होने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो काफी बड़ा नुकसान है ही, साथ में जूनियर खिलाड़ियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने इस नीति को भेदभाव की नीति करार दिया है। वहीं बॉक्सर पंघाल ने कुश्ती के जूनियर खिलाड़ियों द्वारा विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का बिना ट्रायल के नाम भेजने के विरोध का भी समर्थन किया है। खेल मामलों के एक्टिविस्ट डॉक्टर जयपाल भी इस मामले में पिटीशनर बने हैं।
चीन में होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए भारत के स्टार बॉक्सर अमित पंघाल को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा है। अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा खिलाड़ियों के मूल्यांकन के नए नियम तैयार किए गए हैं। उन नियमों के तहत एशियाई खेलों में उनकी जगह दीपक भोरिया को भेजा जा रहा है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि केवल उनकी कैटेगरी में ही नहीं बल्कि दो कैटेगरी के और खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। उन्होंने मांग की है कि देश में प्रतिभाओं को आगे भेजने के लिए ट्रायल होना चाहिए ना कि मूल्यांकन का सहारा लेना चाहिए। यह मूल्यांकन का नियम कहीं ना कहीं अपनों को लाभ पहुंचाने का एक सरल तरीका है। वह फेडरेशन के इस निर्णय से काफी आहत हैं। अमित पंघाल का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही जूनियर खिलाड़ियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बॉक्सिंग फेडरेशन से मांग की है एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों का ट्रायल लेकर भेजें, ताकि देश में बॉक्सिंग के मेडल आ सके। उन्होंने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को भी नसीहत दी है कि उन्हें भी ट्रायल देकर ही आगे जाना
खेल एक्टिविस्ट डॉक्टर जयपाल का कहना है कि वह खुद भी अमित पंघाल का एशियन गेम्स से नाम काटने पर आहत हैं। हाईकोर्ट में इस मामले में वह भी पिटीशनर बने हैं। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को ट्रायल के आधार पर भेजना ही सर्वोत्तम तरीका है। मूल्यांकन के आधार पर भेजना खेल के लिए घाटे का सौदा है। जयपाल का कहना है कि नए मूल्यांकन का तरीका कहीं न कहीं अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का तरीका है। उन्होंने कुश्ती में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल में मिली छूट कभी विरोध करते हुए कहा कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को भी ट्रायल जरूर देना चाहिए।
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