Edited By Manisha rana, Updated: 13 Apr, 2020 11:32 AM
कोरोना वायरस से लडऩे के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। जिसमें सबसे अहम लॉकडाउन है। प्राइवेट, सरकारी ट्रैफिक सड़कों....
पलवल (बलराम गुप्ता) : कोरोना वायरस से लडऩे के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। जिसमें सबसे अहम लॉकडाउन है। प्राइवेट, सरकारी ट्रैफिक सड़कों से नदारद है। केवल इमरजेंसी ड्यूटी में लगे अधिकृत सरकारी वाहन या फिर परमिट लेकर चल रहे वाहन ही बाहर निकल रहे हैं। लोग घरों में कैद और रूटीन के सरकारी और लोगों के निजी काम-काज पूरी तरह ठप हैं। कोरोना के खतरों को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच पलवल शहर की दूसरी तस्वीर देखें तो बेशक सुखद नजर आएगी। लगातार बढ़ते ट्रैफि क दबाव से हो रहे 3 बड़े नुकसान अब घट रहे हैं। पहला तो ये कि आबो-हवा इतनी साफ हो गई है, जितनी पहले कभी नहीं हुई।
एयर क्वालिटी इंडेक्टस (एक्यूआई) लॉकडाउन के दौरान 41 प्वाइंट तक भी आ चुका। हालांकि पांच अप्रैल की रात को दीए जलाने के साथ-साथ हुई आतिशबाजी के बाद इसमें कुछ बढ़ोतरी भी हुई थी, मगर अभी भी हवा की गुणवत्ता सामान्य दिनों से काफ ी बेहतर है। दूसरा, लॉकडाउन के दौरान सड़क हादसे में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। वहीं ट्रैफि क नहीं है तो सड़क भी लंबे अर्से बाद सूनी नजर आ रही हैं। कोरोना के खतरे को कम करने को लोग घरों में है, उम्मीद है जब सब सही होगा तो साफ शहर मिलेगा।
इसलिए बचाव, ट्रैफिक कम, पुलिस मौजूद :
सड़क पर वाहनों की भीड़ बहुत कम हो गई है। आवश्यक वस्तुओं जैसे सब्जी, फल, दूध व अन्य खाद्य सामग्री आदि की सप्लाई के लिए नाममात्र के वाहन दौड़ रहे हैं। इसके अलावा परमिट युक्त तथा सरकारी ड्यूटी पर तैनात वाहन हैं। सबसे महत्वपूर्ण ये भी है कि जगह-जगह पुलिस की तैनाती की वजह से जितने वाहन चल रहे हैं उनकी रफ्तार पर लगाम है।
एक्सीडेंट से होने वाली मौत पर लगाम :
पलवल जिले में 200 से 250 तक हर साल जान जा रही थी। जिले में हादसों का ग्राफ चिंता बढ़ाने वाला रहा है। हर साल बड़ी तादाद में लोगों की जिंदगी सड़क हादसों में ही चली जाती है। सबसे ज्यादा हादसे दिल्ली-मथुरा हाईवे-19 पर होते हैं, जहां हर साल 200-250 लोगों के खून से सड़क लाल होती है। बल्लभगढ़ से होडल हाइवे पर ही बड़ी संख्या में सड़क एक्सीडेंट हुए हैं, लेकिन लॉकडाउन में ट्रैफिक पूरी तरह पाबंद है। केवल सरकारी और परमिट वाली गाडिय़ां ही चल रही हैं। इससे सड़क हादसे अचानक ही थम गए हैं। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार 22 मार्च को लॉकडाउन के बाद जिले में रोड एक्सीडेंट से मौत की कोई सूचना नहीं है।