Edited By Gourav Chouhan, Updated: 08 Dec, 2022 09:12 PM
धारीवाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 2019 के चुनाव के समय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का वायदा किया था, जिसे अब पूरा करने का समय आ गया है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय संगठन सचिव और पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के अध्यक्ष विजेन्द्र धारीवाल ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष की जीत है। हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन का मुद्दा सबसे अहम था, जिसको लेकर न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ संबंधित एनएमओपीएस लगातार संघर्ष कर रहा था। कई बार बड़ी रैली और आंदोलन के बावजूद बीजेपी ने पुरानी पेंशन को बहाल नही किया और वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बनने पर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का वायदा किया था। जिस पर कर्मचारियों ने विश्वास करते हुए पेंशन बहाली के पक्ष में एकतरफा मतदान किया।
हरियाणा में पुरानी पेंशन स्कीम बहाली न होने पर होगा संघर्ष
धारीवाल ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब सरकार अपने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कर चुकी हैं। उम्मीद है हिमाचल कांग्रेस अपने वादे के अनुसार पहली कैबिनेट मीटिंग में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी कर्मचारियों की इस न्यायसंगत और संवैधानिक मांग को पूरा करना चाहिए। धारीवाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 2019 के चुनाव के समय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का वायदा किया था, जिसे अब पूरा करने का समय आ गया है। समय रहते अगर हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के पक्ष में पुरानी पेंशन बहाली का फैसला नही लिया तो हरियाणा सरकार को प्रदेश में पेंशन बहाली संघर्ष समिति प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगी। इसे लेकर संघर्ष समिति द्वारा मजबूत रणनीति बना ली गई है।
10 दिसंबर जिला मुख्यालयों पर सौंपा जाएगा ज्ञापन
उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नेता विपक्ष को शीतकालीन सत्र में पुरानी पेंशन बहाली के जिला स्तरीय प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दिया जाएगा अगर गठबंधन सरकार शीतकालीन सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नही करती तो आगामी बजट सत्र के दौरान 26 फरवरी 2023 को पेंशन बहाली संघर्ष समिति मुख्यमंत्री आवास का घेराव करते हुए प्रदेश में आर पार का संघर्ष करने को मजबूर होगी।
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