सरकारी नौकरी के नाम पर 6 लाख ठगी मामले में तीसरा आरोपी गिरफ्तार, पीड़ित से बताया था पीएम के पीए से है जुवाड़

Edited By Saurabh Pal, Updated: 15 Jul, 2024 05:26 PM

accused arrested in fraud case of rs 6 lakh in the name of government job

थाना किला पुलिस ने वधावाराम कॉलोनी निवासी युवक से बेटे को बैंक में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 6 लाख की ठगी करने वाले तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान धीरज निवासी बबैल हाल विजय नगर के रूप में हुई।

पानीपत(सचिन शर्मा): थाना किला पुलिस ने वधावाराम कॉलोनी निवासी युवक से बेटे को बैंक में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 6 लाख की ठगी करने वाले तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान धीरज निवासी बबैल हाल विजय नगर के रूप में हुई। आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए बाल व दाढी बढ़ाकर कुरूक्षेत्र व राजस्थान में छुपकर फरारी काट रहा था। 

थाना किला प्रभारी सब इंस्पेक्टर महाबीर सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने अपने दोस्त नितिन व मामले में पहले पकड़े जा चुके अपने भाई पंकज व पिता जयकुमार के साथ मिलकर ठगी की उक्त वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। गहनता से पूछताछ करने व ठगी की बची राशि बरामद करने के लिए पुलिस ने रविवार को आरोपी धीरज को माननीय न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 2 दिन की रिमांड पर लिया है। 

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सब इंस्पेक्टर महाबीर सिंह ने बताया कि थाना किला में वधावाराम कॉलोनी निवासी कृष्ण पुत्र पोखर सिंह ने 17 नवम्बर 2018 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह एक कंपनी में काम करता है। उसके बेटे ने सरकारी नौकरी के लिए क्लर्क व बैंक के फार्म भरे हुए हैं। बेटा कोचिंग लेकर तैयारी कर रहा है। कंपनी का सुपरवाइजर जावा कॉलोनी निवासी नितिन पुत्र अशोक करीब 1 साल पहले उससे मिलकर कहने लगा उसकी जानकारी ऐसे व्यक्ति से हैं, जो आपके लड़के को बैंक में नौकरी लगवा देगा। नितिन ने उसको अपने जानकार विजय नगर निवासी दो सगे भाई धीरज व पंकज से मिलवाया। दोनों ने प्रधानमंत्री के पीए से जानकारी होने की बात कहकर उसे विश्वास में लेकर बेटे को नौकरी लगवाने के 8 लाख रुपये मांगे। 6 लाख रूपये पहले व 2 लाख रूपये काम होने के बाद देने के लिए कहा। विश्वास कर उसने उन दोनों को किश्तों में 6 लाख रूपये कैश दे दिए। धीरज ने विश्वास दिलाने के लिए कुछ दिन बाद उसके व बेटे के व्हाट्सऐप पर अपनी बहन का ज्वाईनिंग लेटर भेजा। इसके बाद जुलाई 2017 में बेटे का ज्वाईनिंग लेटर व्हाट्सऐप किया। 

उसने पंचकुला मुख्य ब्रांच में पता किया तो ज्वाइनिंग लेटर फर्जी पाए गए। वह बेटे व भाई को साथ लेकर धीरज व पंकज के घर गया और दोनों से अपने पैसे वापिस मांगे तो दोनों गाली गलौज करने लगे और मारपीट करने पर उतारू हो गए। उसने धीरज व पंकज के पिता जयकुमार से बात की तो वह दो महीने तक पैसे वापिस करने की बात कहकर गुमराह करता रहा। बाद में थाना किला में शिकायत दी तो इसके अगले दिन धीरज व पंकज के पिता जयकुमार ने उसको घर पर बुलाकर पंचायत में खुद पैसे देने की बात कहते हुए किश्तों में चार महीने में पैसे देने की बात लिखकर दी। चार महीने के बाद भी पैसे नहीं मिले तो उसने जयकुमार से फोन पर बात की तो कहने लगा वह इंतजाम कर रहा है। बाद में तीनों धमकी देने लगे।
 
धीरज ने काफी दिन बाद 11 अगस्त 2018 को एक एक लाख रूपये के 6 चेक दिए। उसने चेक अपने खाते में लगाए तो बैंक की तरफ से बताया गया धीरज ने उक्त सभी चेक की राशि रुकवाई हुई है। धीरज, पंकज व इनके पिता जयकुमार ने नितिन के साथ मिलकर नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर उससे 6 लाख रूपए की ठगी कर ली। कृष्ण की शिकायत पर थाना किला में अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी।

सब इंस्पेक्टर महाबीर सिंह ने बताया कि थाना किला पुलिस टीम ने मामले में नामजद आरोपी पंकज व जयकुमार को अप्रैल 2019 में गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों के कब्जे से ठगी की राशि में से 15800 रूपये बरामद हुए थे। इसके बाद दोनों को माननीय न्यायालय में पेश उन्हें न्यायिक हिरासत जेल दिया गया था। इसके बाद पुलिस आरोपी धीरज व नितिन के धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।

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