Edited By Mohammad Kumail, Updated: 07 Nov, 2023 06:17 PM
जिले के गांव गढी पटटी निवासी शहीद महेंद्र सिंह का राजकीय सम्मान के साथ गढी लालपुर सडक मार्ग स्थित मैदान में अंतिम संस्कार किया गया...
होडल (हरिओम भारद्वाज) : जिले के गांव गढी पटटी निवासी शहीद महेंद्र सिंह का राजकीय सम्मान के साथ गढी लालपुर सडक मार्ग स्थित मैदान में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद महेंद्र सिंह राजस्थान के अलवर में तैनात थे, जिनका अचानक हृदयगति रुकने से निधन हो गया। शहीद महेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को जिला अस्पताल में पहुंचा था, जहां से मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग से गढी पटटी तक बाईक रैली और सैंकडों वाहनों के काफिले के साथ हजारों लोग वीर सपूत शहीद महेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर के साथ गढी रोड स्थित उनके निवास तक पहुंचे, जहां परिवारजनों ने शहीद के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर केद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, पूर्व मंत्री चौधरी हर्ष कुमार, क्षेत्र के विधायक जगदीश नायर के साथ उपमंडल अधिकारी रणवीर सिंह ने मौके पर पहुंच कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
होडल के गढ़ी पट्टी में सैनिक महेंद्र सिंह के शहीद होने की जानकारी मिलते ही गांव में मातम पसर गया। उनके पार्थिव शरीर आते ही उनके निवास पर हजारों की संख्या में महिला पुरुष एकत्रित हो गए और उनके ताबूत को देखते ही महिला पुरुषों की आखें नम हो गईं। गढी पटटी वीर सपूत के अंतिम दर्शनों के लिए सुबह से ही उनके निवास पर महिलाओं व पुरुषों का हुजूम उमड़ पड़ा। सेना के जवानों ने शहीद को मातम धुन के साथ अंतिम विदाई दी। जिसके बाद पूरा आसमान भारत माता की जय, वंदे मारतम, शहीद महेंद्र सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा महेंद्र तेरा नाम रहेगा के जयकारों से गूंज उठा। सेना के जवानों ने शहीद महेंद्र सिंह की वर्दी और तिरंगा को शहीद की पत्नी व भाई को सौंपा।

सबसे पहले सेना के अधिकारी मेजर एन.पी. सिंह ने सबसे पहले शहीद को पुष्प चक्र भेंट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शहीद की पत्नी आरती ने अपने पुत्र ऋषभ (3 माह), पुत्री योगिता, कनक व वाणी, उनकी माता मोहनबती, भाई महेश कुमार, बहन सुमन व श्यामबती ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, विधायक जगदीश नायर, पूर्व मंत्री चौ. हर्षकुमार, देवेंद्र सौरोत, देवेश कुमार, डॉ. नवीन रोहिल्ला, मोनू कालड़ा, एसडीएम रणवीर सिंह, डीएसपी सज्जन सिंह, तहसीलदार संजीव नागर, सहित विभिन्न सामाजिक, रानजैतिक व शैक्षणिक संस्थाओं के पदाधिकारियों व ग्रामीण महिला पुरुषों ने शहीद को श्रद्धांजली अर्पित की। शहीद के भाई महेश कुमार ने उनके 3 माह के बेटे ऋषभ को गोद में लेकर मुखाग्नि दी।

शहीद नायक महेंद्र सिंह सन् 2013 में सेना में 322 आर्टलरी मीडियम रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। जोकि राजस्थान के अलवर में तैनात थे। शहीद महेंद्र सिंह के परिवार में उनकी पत्नी आरती, 4 माह का बेटा ऋषभ, पुत्री कनक, योगिता व वाणी, माता मोहनबती, भाई महेश कुमार एवं बहन श्यामबती व सुमन हैं। शहीद के पिता ऋषि कुमार हरियाणा टयूरिज्म में तैनात थे, जिनका लगभग 8 महीने पहले ही देहांत हो गया था। शहीद महेंद्र सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास के गावों के हजारों महिला पुरुषों का हुजूम उमड पड़ा। बता दें कि गढी पटटी से पलवल जिले में सबसे अधिक 354 युवक सेना में तैनात होकर देश की रक्षा कर रहे हैं। इससे पहले गढी पटटी निवासी लांस नायक राजवीर सिंह सन् 1999 में कारगिल में अपनी शहादत देकर बलिदानी हो चुके हैं।

इस मौके पर शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल ने कहा कि आज इन शहीदों की वजह से ही हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। गांव गढ़ी पट्टी में जिला पलवल में सबसे जायदा जवान आर्मी में हैं और पहले भी इस गांव के वीर सपूत राजवीर सिंह ने कारगिल की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी है और महेंदर सिंह ने भी देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा की जो भी सरकार से मदद होगी वह शहीद महेंदर सिंह के परिवार की मदद कराएंगे।

वहीं इस मौके पर पूर्व मंत्री चौधरी हर्ष कुमार ने कहा कि आज गांव के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों को भी शहीद महेंदर सिंह पर गर्व है कि उसने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया है। इस गांव के नौजवान देश की सेवा करने में सबसे आगे हैं, क्योंकि इस गांव के लगभग 350 नौजवान फौज में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र के विधायक जगदीश नायर ने भी मौके पर पहुंच कर शहीद को श्रद्धांजलि दी और कहा कि आज गांव गढ़ी के साथ-साथ प्रदेश और देश को शहीद महेंदर सिंह पर गर्व है कि उसने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। नायर ने कहा कि यह दुख की बात है कि वह कम उम्र में ही शहीद हो गए और उनके 4 महीने का पुत्र है और तीन बेटियां हैं।
शहीद के भाई महेश कुमार ने बताया कि उनके भाई ने देश की सेवा करते हुए शहादत दी है। उन्होंने भारतीय सेना में 11 साल सेवा देने के उपरांत शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भाई की शहादत पर गर्व है।
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