Edited By Saurabh Pal, Updated: 19 Mar, 2024 09:03 PM
हरियाणा के नए मुख्यमंत्री ने लंबे इंतजार के बाद आय यानी मंगलवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया। चंडीगढ़ राजभवन में एक कैबिनेट व 7 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए। नायब सैनी के इस नए मंत्रिमंडल से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के चार मंत्रियों...
चंडीगढ़ः हरियाणा के नए मुख्यमंत्री ने लंबे इंतजार के बाद आज यानी मंगलवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया। चंडीगढ़ राजभवन में एक कैबिनेट व 7 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए। नायब सैनी के इस नए मंत्रिमंडल से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के चार मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई। इसमें सबसे बड़ा नाम पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का है। इसके अलावा तीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के नाम भी हैं। इनमें ओम प्रकाश यादव, कमलेश ढांडा और संदीप सिंह शामिल हैं।
गौरतलब है कि नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नया नेता चुनने पर अनिल विज नाराज हो गए थे। इस नाराजगी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त हो गया और उन्होंने विज को नहीं मनाने की नए सीएम को हिदायत दी। वहीं दो राज्यमंत्री ओम प्रकाश यादव और कमलेश ढांडा को खराब रिपोर्ट कार्ड के कारण कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। इसके साथ पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के यौन शोषण के आरोपों की वजह से नायब सैनी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी।
अनिल विज : पार्टी और मनाने के मूड में नहीं
सूत्रों के मुताबिक अपने सख्त मिजाज के लिए मशहूर भाजपा नेता अनिल विज को प्रदेश व केंद्रीय भाजपा नेतओं ने मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। जिसके कारण भाजपा हाईकमान ने अनिल विज पर इसबार सख्त फैसला लिया। गौरतलब है कि मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद चंडीगढ़ में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सामने भाजपा विधायक दल की बैठक में नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने बैठक को बीच में छोड़ते हुए अंबाला चले आए। इसके बाद वह नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।
मनोहर सरकार में विज के पास गृह एवं स्वास्थ्य जैसे भारी भरकम महकमे थे, इसके बावजूद भी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कई बार सरकार के फैंसलों का विरोध किया। वहीं नूंह दंगों में उन्होंने सीआईडी के इनपुट न मिलने की बात कही, जबकि सीआईडी की रिपोर्टिंग सीधे मुख्यमंत्री को थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय में सीएमओ के अधिकारियों के दखल से नाराज विज करीब 2 माह तक स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर ही नहीं गए। जिसके कारण भी सरकार की काफी किरकिरी हुई।
जूनियर महिला कोच यौन उत्पीड़न मामले से सरकार की हो रही थी किरकिरी
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के पर खेल विभाग था। 2023 में जूनियर महिला कोच ने उप यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद सरकार की जमकर अलोचना हुई। जिसके बाद मनोहर लाल ने संदीप सिंह से खेल मंत्रालय वापिस ले लिया था, लेकिन मंत्रिमंडल से बाहर नहीं निकाला था। महिला सुरक्षा मामले को लेकर विपक्षी दल बार-बार संदीप सिंह का नाम लेकर सरकार को घेरते थे। इसलिए नायब सैनी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी।
राजनीतिक निष्क्रियता ओमप्रकाश यादव को पड़ी भारी
वहीं तीसरे मंत्री ओमप्रकाश यादव हैं जिनके पास सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय था। उन्हें हटाने की चर्चा पहले से ही चल रही थी। इसकी वजह ये थी कि वह सिर्फ अपने इलाके यानि नारनौल विधानसभा सीट तक सिमट चुके थे। इसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ा। उनकी निष्क्रियता के कारण विपक्ष उन्हें लगातार घेरता रहा।
कमलेश का ठीक नहीं था रिपोर्ट कार्ड
मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपना भाई मानकर रक्षा बंधन बांधने वाली कामलेश ढांडा की भी मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई। मनोहर सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री ढांडा का रिपोर्ट कार्ड अच्छा नहीं था। इसलिए उन्हें हटाकर अब सीमा त्रिखा को मंत्रालय दिया गया है।
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