Edited By Isha, Updated: 03 Nov, 2024 12:16 PM
कई बार मांगने पर भी इडेंट के हिसाब से नहरों को पानी नहीं मिल पाता, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग सुंदर ग्रुप की नहरों पर मेहरबान नजर आया। पहली बार सिंचाई विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के सुंदर ग्रुप की नहरों में मांग की अपेक्षा 450 क्यूसेक पानी छोड़...
भिवानी: कई बार मांगने पर भी इडेंट के हिसाब से नहरों को पानी नहीं मिल पाता, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग सुंदर ग्रुप की नहरों पर मेहरबान नजर आया। पहली बार सिंचाई विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के सुंदर ग्रुप की नहरों में मांग की अपेक्षा 450 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। जब नहरों में पानी पहुंचा और ओवरफ्लो हुई तो सिंचाई विभाग की सांसे अटक गई। हालांकि अधिकारियों की सूझ बूझ व उनके धर्य की वजह से नहर टूटने से बच गई, लेकिन अगर अधिकारी होचपोच होते तो सुंदर ग्रुप की अधिकांश नहरें बिखरते हुए देर नहीं लगती। कई जगहों पर नहरों के ओवरफ्लो होने से खेतों में पानी जमा जरूर हुआ है।
जानकारी अनुसार सिंचाई विभाग ने जिले की नहरों के लिए 2100 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग भेजी थी। इसी हिसाब से विभाग के अधिकारियों ने तैयारी की थी, लेकिन विभाग ने सुंदर ग्रुप की नहरों में पौने 2600 क्यूसेक (2575) पानी छोड़ दिया, जबकि नहरों में इस वक्त इतने पानी की क्षमता नहीं थी। क्योंकि कुछ नहरों में अभी सफाई के बाद घास फूस भी पड़ा हुआ था। जिसके चलते पानी आगे बहने की बजाए रुकने लगा, जिसके चलते सुंदर ग्रुप की अधिकांश नहरें ओवरफ्लों होने लगी। शाम तक अधिकांश नहर व माइनरों में मांग से ज्यादा पानी बह रहा था। जिसकी वजह से टूटने का अंदेशा बना रहा।