2 IPS के जल्द होंगे डीजीपी रैंक में प्रोमोट, 1991 बैच IAS की पदोनत्ति के बाद आईपीएस की बारी

Edited By Isha, Updated: 26 Feb, 2022 03:57 PM

2 ips will soon be promoted in the rank of dgp

बीती 23 फरवरी  को हरियाणा सरकार ने 1991 बैच के 5 वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा ) अधिकारियों - अशोक खेमका, विनीत गर्ग, अनिल मलिक, जी. अनुपमा और ए.के. सिंह  को मुख्य सचिव ग्रेड में पदोनत्त

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी):  बीती 23 फरवरी  को हरियाणा सरकार ने 1991 बैच के 5 वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा ) अधिकारियों - अशोक खेमका, विनीत गर्ग, अनिल मलिक, जी. अनुपमा और ए.के. सिंह  को मुख्य सचिव ग्रेड में पदोनत्त कर दिया गया है. उक्त पाँचों आईएएस हालांकि उनके  मौजूदा विभागों के  प्रमुख/प्रशासनिक  सचिव के पद पर ही रहते हुए  अतिरिक्त  मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) बन गये  हैं.  

इसके साथ साथ 1991 बैच के दो अन्य आईएएस श्रीकांत वलगढ़ और अभिलक्ष लिखी, जो दोनों वर्तमान में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें भी मुख्य सचिव ग्रेड में प्रोफोर्मा प्रमोशन प्रदान की गयी है अर्थात जब भी ये दोनों हरियाणा कैडर में वापिस आएंगे, उन्हें अतिरिक्त मुख्य सचिव के रैंक   पर ही तैनात किया जाएगा.

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने  बताया कि आईएएस में 30 वर्ष की बेदाग  सेवा के उपरान्त आईएएस अधिकारी को मुख्य सचिव रैंक में प्रोमोट कर दिया जाता है अर्थात उसको   मुख्य सचिव के वेतन के  समान वेतनमान/पे-ग्रेड दे दिया जाता है. हालांकि 1991 बैच के उपरोक्त सातों अधिकारियों ने गत वर्ष 2021 में ही आईएएस में 30 वर्ष की सेवा पूरी कर ली थी परन्तु उन्हें 23 फरवरी 2022  से ही एसीएस बनाया गया है.

हेमंत ने  हरियाणा के आईपीएस अधिकारियों के आधिकारिक सेवा रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद बताया कि 1991 बैच के आईएएस अधिकारियों की मुख्य सचिव के रैंक में प्रमोशन के बाद अब 1991 बैच के  एक दो  आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार रॉय और एसके जैन भी   डीजीपी   रैंक में  पदोनत्ति  योग्य हो गए हैं. हालांकि  उपरोक्त दोनों  अधिकारियों ने भी  आईपीएस में तीस वर्ष की सेवा पिछले वर्ष 2021 में ही  पूर्ण कर ली थी.

प्रदेश पुलिस के डीजीपी रैंक  पर प्रमोशन सम्बन्धी नियमो  के बारे में  हेमंत ने बताया कि जब भी कोई आईपीएस अधिकारी  अपने कैडर में 30  वर्ष की सेवा पूरी कर लेता है और उस पर  किसी प्रकार की कोई विभागीय जांच या अन्य  अनुशासनात्मक कार्यवाही आदि न लंबित हो  तो उसे  पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रैंक  पर पदोनत कर दिया जाता है जबकि एडीजीपी  रैंक के लिए आईपीएस में  25 वर्ष की  बेदाग़ सेवा पूर्ण होनी चाहिए.  

वर्तमान में हरियाणा आईपीएस कैडर में सबसे वरिष्ठ 1988 बैच के मनोज यादव हैं जो अगस्त,2021 तक हरियाणा के डीजीपी रहे एवं वर्तमान में   वह  केंद्र सरकार में इंटेलिजेंस ब्यूरो में स्पेशल डायरेक्टर हैं. उनके  बाद उन्ही के बैच के   पी.के. अग्रवाल वर्तमान में प्रदेश के  डीजीपी हैं.  उनके बाद 1989 बैच के आईपीएस  मोहम्मद  अकील, वर्तमान में डीजीपी रैंक में जेल महानिदेशक जबकि उन्ही के बैच के   आरसी मिश्रा, डीजीपी रैंक में  एमडी, पुलिस आवास निगम हैं. उनके बाद 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर, डीजीपी रैंक में  स्टेट विजिलेंस  ब्यूरो के प्रमुख  जबकि उन्हीं के बैच के देशराज सिंह डीजीपी रैंक में कमांडेंट जनरल, होम गार्ड और सिविल डिफेन्स हैं. 

 

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