विप्र सेना प्रमुख सुनील का बड़ा एलान, ' राजस्थान में अगर 42 सीटों पर टिकट नहीं मिले तो सेना उतरेगी मैदान में

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 02 Oct, 2023 07:48 PM

vip sena chief sunil  if there is no ticket

सुनील तिवाड़ी का कहना है कि अगर ब्राह्मण बाहुल्य 42 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस से ब्राह्मणों को टिकट नहीं मिलता है तो विप्र सेना खुद वहां पर ब्राह्मण समाज के साथ मिलकर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारेगी

गुड़गांव ब्यूरो : राजस्थान में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. इसी कड़ी में विप्र सेना (vipra sena jaipur) प्रमुख सुनील तिवाड़ी ने आज बड़ा एलान कर दिया है. उन्होंने कहा अगर ब्राह्मणों को राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा 42 सीटों पर टिकट नहीं मिलेंगे तो उसके लिए सेना अपनी तैयारी करेगी. उन्होंने बताया कि जयपुर में 'ब्राह्मण महापंचायत' होने के बाद भाजपा ने अपना अध्यक्ष ब्राह्मण बनाया तो कांग्रेस ने भी ब्राह्मण को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद अब चुनाव है तो ब्राह्मणों को टिकट भी चाहिए. तिवाड़ी ने कहा कि हमने इस बार भाजपा और कांग्रेस से 42 सीटों पर टिकट मांगे हैं. मुझे चुनाव नहीं लड़ना है लेकिन ब्राह्मण प्रत्याशियों को मैदान उतरना है. क्योंकि, जो लोग हमारे साथ खड़े हैं अब उनके लिए भी उतरना होगा. हालांकि, पिछले दिनों 'सुनील चुनाव लड़ो' ट्वीटर पर खूब ट्रेंड हुआ है, मगर चुनाव युवाओं को लड़ाना है और उनके लिए टिकट चाहिये. 

 

40 लाख से अधिक वोट 

विप्र सेवा अध्यक्ष सुनील तिवारी का कहना है कि राजस्थान में 80 से 82 लाख ब्राह्मणों की आबादी है. जिसमें 40 से 42 लाख वोटर हैं. पिछली बार 12 लाख वोट कास्ट होते थे, मगर अब दोगुना लोग मतदान करेंगे. इस बार ब्राह्मण युवा हमारे साथ दोगुनी ताकत के साथ मैदान में आएंगे. युवा एक साथ हैं और एक मत और एकजुट हैं. युवा बड़ी संख्या में वोट करेंगे. इसीलिए राष्ट्रीय पार्टियों लगातार हमसे सम्पर्क कर रही है. सुनील तिवाड़ी ने कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन ब्राह्मण युवाओं और लोगों को चुनाव लड़ना है. 

 

नहीं मिला टिकट तो उतरेंगे मैदान में 

सुनील तिवाड़ी का कहना है कि अगर ब्राह्मण बाहुल्य 42 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस से ब्राह्मणों को टिकट नहीं मिलता है तो विप्र सेना खुद वहां पर ब्राह्मण समाज के साथ मिलकर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारेगी. चुनाव में वो हारेगा या हराएगा यह बाद का विषय है. पिछले कई सालों से 'विप्र सेना' लगातार काम कर रही है. अब विप्र सेना से जुड़े लोग और ब्राह्मण मतदाता खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसलिए उनके लिए हमें मैदान में उतरना पड़ रहा है. 'सत्ता, शासन और सड़क' हमने एक नारा दिया था अब सत्ता की बात है. अगर हमारे लोग नहीं होंगे तो हमारी बातों को रखने वाला कौन होगा. युवा बड़ी संख्या में आगे आया है. उसे मैदान में उतारा जायेगा. 

 

200 विधान सभा सीटों पर है तैयारी 

ब्राह्मण महापंचायत में जो मांगे की गई थी वहीँ मांगे है. ईब्ल्यूएस आरक्षण, पुजारी प्रोटक्शन एक्ट आदि हमारी मांगे थी और बनी हुई हैं. राष्ट्रीय पार्टियां अपने मेनिफेस्टो में इन बातों को रखें. चूँकि, विप्र कल्याण बोर्ड है लेकिन वो काम नहीं कर पा रहा है. हमारी तैयारी तहसील स्तर पर है. साथ ही साथ सभी विधान सभा सीटों पर पूरी चुनाव की तैयारी है. एक बात यह भी है कि इस बार ब्राह्मण चुनाव में अपनी पूरी ताकत दिखा देगा. ब्राह्मण चुनाव परिणाम बदलने में पूरी तरह सक्षम है. इसका असर भी दिखने लगा है.

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