निवेश की सही समय पर करें शुरुआत: रुचिका भगत

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 15 Dec, 2021 08:13 PM

start investing at the right time ruchika bhagat

चार्टर्ड अकाउंटेंट रुचिका भगत, मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज भगत एंड कंपनी का कहना है कि 30 साल की उम्र में निवेश करते वक्त ध्यान रखें ये बातें क्या हर कोई उस वक्त निवेश शुरू कर देता है जब वह युवा होता है?

गुड़गांव ब्यूरो: चार्टर्ड अकाउंटेंट रुचिका भगत, मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज भगत एंड कंपनी का कहना है कि 30 साल की उम्र में निवेश करते वक्त ध्यान रखें ये बातें क्या हर कोई उस वक्त निवेश शुरू कर देता है जब वह युवा होता है? भविष्य के लिए निवेश सभी के लिए आकर्षक नहीं होता है, क्योंकि इससे आपके मौजूदा खर्च सीमित हो जाते हैं। जिंदगी के अप्रत्याशित घटनाक्रम हमें इस संदर्भ में अपने कदम पीछे हटाने को विवश करते हैं और हमें निवेश करने तथा ज्यादा आय कमाने से रोकते हैं। साथ ही, युवाओं के लिए आकर्षक वेतन ढांचे, फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति लगाव उन्हें ज्यादा बचत से रोकते हैं जिससे वे बचत और निवेश के बारे में सोचने से परहेज करते हैं। कभी कभी कम वेतन की वजह से भी लोगों को अपने पारिश्रमिक का कुछ हिस्सा बचत के लिए अलग करने में मदद नहीं मिल पाती है। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि इसके कई कारण हैं, लेकिन अंतनिर्हित धारणा समान रहती है कि निवेश के संदर्भ में हम कभी भी युवा या बूढे नहीं होते, बल्कि निवेश शुरू करने के लिए समय अच्छा या खराब भी नहीं होता है। 

क्रेडिट कार्डों और लोन के विकल्पों के साथ हम अपने अल्पावधि और दीर्घावधि वित्तीय लक्ष्य तय करने को महत्व देते हैं। जब बात बचत की हो तो 20 साल की उम्र में इसे शुरू करना हमेशा बेहतर होता है, लेकिन यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम 30 और 40 साल की उम्र के बीच निवेश शुरू कर दें। इसका आसान फाॅर्मूला है, ज्यादा समय तक निवेश करने का मतलब है अपनी निवेश अवधि के अंत में अपनी जिंदगी संपन्नता और समृद्धि के साथ जीने के लिए ज्यादा राशि पाना।  30 साल की उम्र में निवेश शुरू करने के लिए कुछ सुझाव और टिप्स अपने लक्ष्य तय करें और वास्तविकता जानें निश्चित तौर पर, जब आप जानते हैं कि आप देर से निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो आप स्वयं के साथ वास्तविकता से अवगत होते हैं। अब आपके लिए अपने वित्तीय लक्ष्यों की सूची तैयार करने का समय आ गया है, चाहे वह निवेश कोश, रिटायरमेंट फंड, एमरजेंसी फंड बनाने, घर या कार की खरीदारी से जुड़ी हो, या वल्र्ड टूर या फिर अपना स्वयं का बिजनेस शुरू करने की योजना हो। आप कब तक निवेश करना चाहते हैं उसके बारे में समय-सीमा निर्धारित करें और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का सही तरीके से आकलन करें। साथ ही, चूंकि आप अपनी शुरुआती उम्र में बचत का अवसर गंवा चुके हैं, इसलिए पूंजी कमाने के लिए कुछ ज्यादा बचत करना न भूलें। यदि आप अपने गोल्डन ट्वेंटीज में इसकी शुरुआत कर देते तो शायद अच्छी बचत करने में सक्षम होते। पोर्टफोलियो को अपने प्रोफाइल के अनुरूप् बनाने के लिए अपने निवेश आवंटन में विविधता लाएं।

सालाना रिटर्न के लिए कुछ निवेश विकल्पः 

◆ क्रिसिल के अनुसार, इक्विटी में करीब 18 प्रतिशत का सालाना रिटर्न मिल सकता है

◆ ईटीएफः ईटीएफ का औसत रिटर्न करीब 10 प्रतिशत है

◆ इक्विटी म्युचुअल फंडः औसत तौर पर, इक्विटी फंडों ने 10 से 12 प्रतिशत के दायरे में प्रतिफल दिया है

◆ पब्लिक प्रोवीडेंट फंडः पीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर सालाना करीब 7.1 प्रतिशत है

◆ बीमाः मैच्युरिटी कवर, हेल्थ कवर जैसे लाभ के साथ साथ प्रीमियम पर कुछ रिटर्न

◆ फिक्स्ड इनकम स्कीमः टैक्स सेविंग एफडी या डेट फंड 5.5-6.5 प्रतिशत के दायरे में औसत रिटर्न दे सकते हैं

2. मजबूत डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं

आपके पास लंबी निवेश अवधि होती है और इसलिए आप जोखिम का सामना कर सकते हैं। इक्विटी या इक्विटी-आधारित फंडों में निवेश करने से अच्छा दीर्घावधि रिटर्न मिल सकता है। जब आप दीर्घावधि के लिए निवेश करते हैं, जो आपको बाजार में उतार-चढ़ाव से छुटकारा मिल सकता है। विविधता बेहद जरूरी होती है और इक्विटी तथा डेट फंडों या उससे संबंधित योजनाओं का समावेश लाभदायक हो सकता है। 

3. संक्षिप्त अंतराल के बाद अपनी राशि बढ़ाएं

अपनी बचत बढ़ाने की हरेक कोशिश मजबूत राशि तैयार करने में मददगार साबित हो सकती है, क्योंकि 10-15 प्रतिशत का बदलाव भी आगामी बर्षो के दौरान बड़ी राशी में तब्दील हो जाएगा। जब भी, अप्रेजल, बोनस, प्रमोशन हो या अन्य स्रोतों से अतिरिक्त आय हासिल हो, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का अवसर न गंवाएं, क्योंकि अपने निवेश के साथ बदलाव फायदेमंद साबित हो सकता है।

4. वित्तीय रूप से अनुशासित बनें

मासिक आधार पर रकम (राशि, जिसे अन्य चीजों पर खर्च किया जा सके) इन योजनाओं के लिए निर्धारित करना वाकई कठिन होता है। आप कुछ महीनों तक इसे छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। आपात स्थिति किसी भी समय पैदा हो सकती है। इन वजहों से, आपके भुगतान के दिन पर स्वयं भुगतान के विकल्प को पसंद किया जाता है। अपने खर्च ढांचे का विश्लेषण करें, क्या आपको किसी सामान या सेवा की वास्तव में जरूरत है, या अनावश्यक तौर पर ज्यादा खर्च करने और ऋण लेने में लगे हुए हैं। 

5. इमरजेंसी में भी, अपनी रिटायरमेंट सेविंग का इस्तेमाल न करें

वित्तीय जरूरत पर अपनी रिटायरमेंट सेविंग निकालना अच्छा आइडिया नहीं है, क्योंकि आप ऐसा कर रकम को कई गुना बढ़ने से रोक रहे हैं। इसके बजाय, आप कम्पाउंडिंग के जरिये स्वयं इसे बढ़ने दें। ज्यादातर लोगों के लिए 30 वर्ष में यह उपलब्धि हासिल करना बेहद मददगार होता है। इसका यह भी मतलब होता है कि आप इसके बारे में सोचना शुरू करते हैं कि अपने लक्ष्यों को पूरो करने के प्रयास में आप पूंजी को कैसे खर्च करेंगे और भविष्य कैसे सुरक्षित बनाएंगे। यदि आप पहले ही इस राह पर बढ़ चुके हैं तो यह शानदार शुरुआत है। लेकिन यदि आपने अभी ऐसा नहीं किया है तो चिंता न करें, अभी भी निवेश शुरू करने में देर नहीं हुई है। ट्रिक कहीं से शुरू करने की है।

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