Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 30 Jan, 2025 07:30 PM
फरीदाबाद की 8 महीने की मासूम कियारा स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) टाइप 1 नामक एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी से जूझ रही है।
गुड़गांव ब्यूरो :फरीदाबाद की 8 महीने की मासूम कियारा स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) टाइप 1 नामक एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी से जूझ रही है। इस गंभीर स्थिति से उबरने के लिए कियारा को तुरंत एक जीवनरक्षक दवा Zolgensma की जरूरत है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये है।
कियारा के पिता मनीष रावत ने कहा: "कियारा हमारे लिए एक उज्ज्वल तारे की तरह है। जब वह हमारी जिंदगी में आई, तो हमारी खुशियों का ठिकाना नहीं था। लेकिन अब हम हर पल उसके जीवन के लिए लड़ रहे हैं।"
SMA टाइप 1, जिसे वर्डनिग-हॉफमैन डिजीज भी कहा जाता है, मांसपेशियों की गंभीर दुर्बलता और सांस लेने, भोजन करने जैसी बुनियादी क्रियाओं में कठिनाई का कारण बनता है। तीन महीने की उम्र में इस बीमारी का पता लगने के बाद से कियारा का शरीर हर दिन कमजोर हो रहा है।
Zolgensma एक जीन थेरेपी है, जो केवल एक खुराक में दी जाती है। हालांकि, इसकी कीमत इतनी अधिक है कि मनीष और उनकी पत्नी इसे वहन नहीं कर सकते। दिल्ली के सर गंगा राम सिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि इस इलाज को जितना जल्दी हो सके देना जरूरी है।
कियारा के माता-पिता ने दुनियाभर के दयालु लोगों से मदद की गुहार लगाई है। मनीष कहते हैं: "हम आपसे हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि हमारी बेटी को बचाने में मदद करें। आपका छोटा-सा योगदान भी उसके जीवन के लिए अमूल्य होगा।"