कला, कलम और आवाज़ के फनकार मुजाहिद अली खान बिखेर रहे जलवे

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 28 Jul, 2022 03:14 PM

mujahid ali khan is spreading the flames

मुजाहिद अली खान को बचपन से ही कविता, गाने लिखने का शौक

गुडगांव ब्यूरो : लिखता हूं.. क्योंकि मुझे लिखना अच्छा लगता है मेरे लिखे हर शब्द में, लोगों को अपना किस्सा लगता है ऐसा नहीं कि हर शब्द है मेरे ख्यालों से निकला हुआ कई शब्द मुझे भी, मेरा हिस्सा सा लगता है। कोरे-कोरे कागज़ पर जब खूबसूरत नज्में मोतियों से चमकते हैं, तब वो महज गज़ल की शक्ल ही इख्तियार नहीं करते, बल्कि वो नायाब हो जाते हैं।  यूं तो आज की तारीख में कई नज्मकार हैं, गीतकार हैं, शब्दकार हैं, लेकिन इनमें से कुछ ऐसे शब्दों के सौदागर हैं, जिनके लिखे हर शब्दों में जान होती है।  आज हम जिस शख्सियत की बात कर रहे हैं उनकी लेखनी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके हर शब्द में ज़िंदगी के फलसफे होते हैं। यही वजह है कि जैसे ही उनके लिखे गीत या कविता या फिर शायरी दुनिया के सामने आता है, लोग उन्हें बेशुमार प्यार से भर देते हैं। इन नज्मों पर लोग इस कदर प्यार लुटाते हैं कि जैसे ये नज्म उनके लिखे लिए ही लिखा गया हो। करोड़ों दिलों पर राज करने वाले वो नज्मकार, गीतकार हैं मुजाहिद अली खान।

 

मुजाहिद अली खान को बचपन से ही कविता, गाने लिखने का शौक था। लेकिन किसी ने भी ये नहीं सोचा था कि आगे चलकर मुजाहिद खान का यही शौक करोड़ों दिलों की धड़कन बन जाएगी। उनकी लिखी कविताएं, नज्म हो या शायरी जैसे ही दुनिया के सामने आता है, देखते ही देखते वो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने लगता हैं और महज कुछ वक्त में ही वो वायरल हो जाता है। मुजाहिद अली खान का क्रेज युवा से लेकर बुजुर्गों तक है, लेकिन युवाओँ के बीच वो सबसे ज्यादा पॉपुलर है। जब भी युवा कवियों की बात होती है, उसमें मुजाहिद का नाम सबसे टॉप पर होता है। उनकी कलम से लिखे मोती जैसे शब्द लोगों के दिलों में रचे बसे हैं। खासकर वो शायरी आज भी सबकी जुंबा पर हैं- ‘’मना रहे हैं खुशियां जो अपने आप में गहना है, महज़ पीला रंग नहीं हमने आप की जीत का जश्न पहना है’’। मुजाहिद अली खान ने जब इस गीत को अपनी लेखनी से जीवंत किया था, तो सबके लबों पर बस यही बोल थे, इतने खूबसूरत शब्दों को सिर्फ दिलों पर राज करने वाला ही अपने कलम से इनायत कर सकता हैं।

 

‘मेरे हाल सेजो जाहिर है....’, ‘तन्हा गुजरी ईद...’ ‘किताब और पानी...’ ‘माई-मां....’ और ‘अपने घर से निकला पड़ा...’ उनकी प्रसिद्ध कृतियों में एक हैं। कलम धनी वही हैं, जिनके बोल, गाने या कविता दूसरों का मन मोह लें और मुजाहिद अली खान के बिलकुल ही ऐसे हैं, उनके लिखे एक-एक शब्द मन को इस कदर भाते हैं कि उसको अपने चहेते को भेजे बिना रह नहीं पाते। ये अनमोल शायरी जब लॉन्च होता है, तो मानो पूरा सोशल मीडिया इनके शायरी से पटा होता है। मुजाहिद खान उन फनकारों में एक है, जिनकी कलम से शब्दों की बरसात ऐसी होती है, जैसे किसी के दिल की बात। ज़िंदगी बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन ये तब और अधिक खूबसूरत हो जाती है, जब कोई आपके दिल की बातों को जुंबा पर ले आये। मुजाहिद अली खान अपने इस फन से सबको अपना कायल बना रहे हैं।  नदियां, हवाओं जैसी ही कला है, जिसे किसी बंधन, किसी सरहदें रोक नहीं पाती। मुजाहिद अली खान के नगमों का भी आलम कुछ ऐसा ही है। शहर से दूसरे शहर फिर पूरा देश और अब सात समंदर पार के लोगों के दिल में उनकी शायरी घर कर चुकी है।

 

विदेशी जमीन पर भी उनके नगमों के इतने दीवाने हैं कि उनके एक शायरी पर झूमते हैं। फैंस के दिवानगी का आलम ये है कि उन्हें बेसब्री से मुजाहिद अली के नगमे आने का इंतजार होता है। मुजाहिद अली खान राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्म कर चुके हैं। उनके शोज़ देखने के लिए फैंस की भीड़ उमड़ पड़ती है और देखते ही देखते उस शोज के वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेड करने लग जाते है, उसके बाद क्या देश.. क्या विदेश हर तरफ उनके फैंस उनके नगमों पर जान लुटाते दिखते हैं। चाहने वाले का जूनून ऐसा है कि इनके लिखे और गाये नगमे को बार-बार सुनते हैं। आम से खास, सब इनके मुरीद है। इनके चाहने वालों की फेहरिस्त लंबी है। इसमें शक नहीं कि आने वाला वक्त मुजाहिद अली खान का है और वो वक्त दूर नहीं जब उनके लिखे और गाये गाने, बोल, कविता, शायरी बुलंदियों को ही छूएंगे और कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

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