Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 06 Dec, 2025 08:29 PM

रुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी जीएमडीएद् द्वारा शहरभर में चलाई जा रही बस सेवा का उद्देश्य नागरिकों को सुगम आवागमन उपलब्ध कराना था। लेकिन वर्तमान में इन बसों की अनियमितताओं ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी जीएमडीएद् द्वारा शहरभर में चलाई जा रही बस सेवा का उद्देश्य नागरिकों को सुगम आवागमन उपलब्ध कराना था। लेकिन वर्तमान में इन बसों की अनियमितताओं ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहरवासियों का कहना है कि जीएमडीए की बसें अक्सर निजी बसों की तरह व्यवहार करती हैं। कहीं भी सड़क पर रोक दी जाती हैं जिससे सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों को बाधा पहुंचने से लंबा जाम लग जाता है। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले इलाकों में बसों की तेज व अनियंत्रित गति भी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ा रही है।
प्रदूषण नियन्त्रण में लापरवाही
इस समय पूरे उत्तर भारत सहित एनसीआर प्रदूषण संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में जीएमडीए बसों के धुएं से स्थिति और बिगड़ रही है। शहरवासियों का आरोप है कि इन बसों की प्रदूषण जांच व अन्य नियमों को लेकर शायद ही कभी चालान होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चालान न होने के कारण चालकों में यह भावना घर कर गई है कि हम सरकारी हैं।
सरकार हरित उर्जा को दे रही बढावा
इसी सोच के चलते नियमों की अवहेलना बढ़ रही है। जहां सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है तो जीएमडीओ को भी पहले तो अपने बेसन के तुरंत जांच करवा कर प्रदूषण तय मानक स्तर तक लाना चाहिए और भविष्य को देखते हुए अपनी सारी बसें डीजल इंजन की बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ आगे बढ़ना चाहिए।
भीड़भाड़ व सुरक्षा की समस्या
ये बसें अक्सर क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर चलती हैं। जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ जाते हैं। कई रूट्स पर बसें खाली चलती हैंए जबकि कुछ रूट्स पर अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है। जो रूट.प्लानिंग में खामियों की ओर इशारा करती है।
ये है शहरवासियों की मांगें
क्षमता से अधिक यात्रियों भरने चालान किया जाए।
सभी जीएमडीए बसों का संपूर्ण सर्वेक्षण किया जाए।
कागज़ात कम्प्लायंस व फिटनेस आदि की जाँच हो।
रूट संरचना की पुनः समीक्षा कर उसमें बदलाव किया जाए।
जो बसें प्रदूषण फैल रही है उनको तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।
वर्जन
श् शहरवासियों व उद्योग जगत का मानना है कि इन बसों में सुधार के साथ बदलाव बेहद जरूरी है। यदि सुधार नहीं हुआ तो ये बसें जनता की सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए गंभीर खतरा बनी रहेंगी। परिवहन विभाग व पुलिस को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। पवन यादव संरक्षक आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन