स्पाइनल हेल्थ पर एक्सपर्ट गाइडेंस के साथ आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने मनाया वर्ल्ड स्पाइन डे 2024

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 17 Oct, 2024 07:48 PM

artemis hospitals celebrates world spine day 2024

वर्ल्ड स्पाइन डे 2024 (16 अक्टूबर) के मौके पर सभी उम्र के लोगों के बीच स्पाइनल हेल्थ यानी रीढ़ की हड्डी की सेहत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने कार्यक्रम का आयोजन किया।

गुड़गांव ब्यूरो : वर्ल्ड स्पाइन डे 2024 (16 अक्टूबर) के मौके पर सभी उम्र के लोगों के बीच स्पाइनल हेल्थ यानी रीढ़ की हड्डी की सेहत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने कार्यक्रम का आयोजन किया। ‘सपोर्ट योर स्पाइन’ की थीम के साथ इस साल स्पाइनल मोबिलिटी को बढ़ावा देने और दुनियाभर में लाखों लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाली स्पाइनल डिसऑर्डर्स को कम करने पर फोकस किया गया है। स्पाइनल हेल्थ के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने डॉ. एस. के. राजन (चीफ – न्यूरो स्पाइन सर्जरी और एडिशनल डायरेक्टर – न्यूरोसर्जरी), डॉ. हितेश गर्ग (हेड – ऑर्थो स्पाइन सर्जरी) और डॉ. संजय सरूप (हेड – ऑर्थोपेडिक्स (यूनिट-2) और चीफ – पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन सर्जरी) समेत अपने प्रतिष्ठित स्पाइन एक्सपर्ट्स के विचार साझा किए।

 

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के चीफ – न्यूरो स्पाइन सर्जरी और एडिशनल डायरेक्टर – न्यूरोसर्जरी डॉ. एस. के. राजन ने विशेष रूप से शहरी आबादी के बीच स्पाइनल डिसऑर्डर्स के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा, ‘आज के इस डिजिटल युग में सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, हर्निएटेड डिस्क्स और स्पाइनल स्टेनोसिस के मामलों में खतरनाक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विगत वर्षों में उम्र से संबंधित नर्व की समस्याओं, सर्वाइकल में दबाव और झुकी हुई रीढ़ की हड्डी (गर्दन और कमर) के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, जो बड़ी उम्र में हड्डियों के फ्रैक्चर का सामना रह रहे हैं। लंबे समय तक बैठकर डेस्क पर काम करना, शारीरिक गतिविधियां कम करना और गलत तरह से बैठना इसके महत्वपूर्ण कारण हैं। रीढ़ की हड्डी से संबंधित न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शरीर को बहुत कमजोर कर देती हैं, लेकिन जल्द जांच और इलाज से किसी तरह के स्थायी नुकसान के खतरे को कम किया जा सकता है। इस वर्ल्ड स्पाइन डे पर हम लोगों से अपील करते हैं कि नियमित रूप से चलें-फिरें, स्ट्रेच करें और गर्दन में किसी भी तरह का दर्द लंबे समय तक रहने पर डॉक्टर से बात करें।’

 

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के ऑर्थो स्पाइन सर्जरी हेड डॉ. हितेश गर्ग ने अच्छी सेहत के लिए स्पाइनल मोबिलिटी को बनाए रखने के महत्व को लेकर कहा, ‘हड्डियों से जुड़ी समस्या के तौर पर हमें सबसे ज्यादा कमर दर्द का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर कमर दर्द गलत तरह से बैठने और लगातार बैठे रहने वाली लाइफस्टाइल के कारण होता है। ऐसी लाइफस्टाइल के कारण आगे चलकर सर्वाइकल और लंबर डिस्क जैसी समस्याओं का भी खतरा बढ़ता है। बैठने का सही पोश्चर, काम करने की सही जगह और नियमित शारीरिक गतिविधियों जैसे छोटे-छोटे बदलाव से हम स्पाइन से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं से बचे रह सकते हैं। डीजनरेटिव स्पाइन कंडीशंस बड़ी समस्या हैं, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए। हम मरीजों को प्रोत्साहित करते हैं कि अपनी स्पाइन को तैराकी, योग और अन्य व्यायाम के जरिये लचीला और मजबूत बनाएं।’

 

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की स्पाइन केयर टीम अलग-अलग तरह की स्पाइनल कंडीशंस का व्यापक एवं मल्टीडिसिप्लिनरी इलाज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जांच की अत्याधुनिक सुविधाओं, एडवांस्ड सर्जिकल विकल्पों और रीहैबिलिटेशन प्रोग्राम के माध्यम से मरीजों को पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान मिलता है, जिससे उनकी समस्या का इलाज होता है।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!