Edited By Isha, Updated: 18 Jul, 2019 02:03 PM
पॉलीथिन पर नगर निगम का शिकंजा न कसने के चलते रोजाना कई किं्वटलों के रूप में पॉलीथिन का खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण कूड़ा डालने वाली जगहों पर किसी भी समय देखा जा सकता है। जहां गाय
सोनीपत (मनीष): पॉलीथिन पर नगर निगम का शिकंजा न कसने के चलते रोजाना कई किं्वटलों के रूप में पॉलीथिन का खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण कूड़ा डालने वाली जगहों पर किसी भी समय देखा जा सकता है। जहां गाय पॉलीथिन खाकर तड़प-तड़पकर मरने को मजबूर हैं। जबकि प्रशासन ने शहर को पॉलीथिन से मुक्त व कैटल फ्री करने का कई बार दावा किया है, प्रशासन का यह दावा कब सच होगा होगा इसका प्रशासन को भी मालूम नहीं है।
गौरतलब है कि जिला उपायुक्त से लेकर नगर निगम कमिश्नर तक शहर को कई बार पॉलीथिन के इस्तेमाल से मुक्त व कैटल फ्री बनाने के लिए दावे किए गए हैं लेकिन प्रशासन के ये दावे कितने सच साबित हो रहे हैं वे खुद अपनी आंखों से शहर की सड़कों से सफर करते दौरान देख चुके हैं। शहर की कोई ऐसी सड़क नहीं हैं जहां पर पॉलीथिन के ढेरों में आवारा पशु मुंह मारते न दिखाई दें।
इन क्षेत्रों में ज्यादा बुरे हालात
शहर में पॉलीथिन की बिक्री पर निगम प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाने से शहर में कई क्षेत्र ऐसे बने हुए हैं जहां पर आवारा पशुओं के झुंड सरेआम कूड़े के ढेरों में हरे चारे की तरह मुंह मारते हैं। पशुओं को भूख से विचलित होकर गली-सड़ी सब्जी खानी पड़ती है और इस दौरान पॉलीथिन उनके पेट में चली जाती हैं। सिक्का कालोनी, कच्चे क्वार्टर, आई.टी.आई.आई. चौक, नरेन्द्र नगर, महलाना चौक, सुभाष स्टेडियम, बाबा धाम व शनि मंदिर आदि के पास स्थित कूड़े के ढेर में गाय को पॉलीथिन खाते देखा जा सकता है।