Pgims के रैजीडैंट डाक्टरों का दुखड़ा : हॉस्टल में गंदगी, बंदरों व मच्छरों ने बढ़ाई परेशानी

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Apr, 2020 01:51 PM

pgims resident doctors suffer dirt monkeys and mosquitoes

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाऊन के दौरान चिकित्सक खुद भी परेशानियों से जूझ रहे हैं। प्रदेश के एक मात्र स्नातकोत्तर स्वास्थ्य....

रोहतक (मैनपाल) : कोरोना वायरस के चलते लॉकडाऊन के दौरान चिकित्सक खुद भी परेशानियों से जूझ रहे हैं। प्रदेश के एक मात्र स्नातकोत्तर स्वास्थ्य संस्थान पी.जी.आई.एम.एस. के रैजीडैंट डाक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हंै लेकिन, इनकी अपनी परेशानियां भी कम नहीं है। वीरवार को रैजीडैंट डाक्टरों का दुखड़ा सामने आया है। रैजीडैंट डाक्टर पिछले कई दिनों से हॉस्टल परिसर में फैली गंदगी, बंदरों के उत्पात व मच्छरों से खासे परेशान है।

हालांकि, परेशानी नई नहीं है, डाक्टर लंबे समय से इन परेशानियों से जूझ रहे है लेकिन, लॉकडाऊन के चलते स्थिति गंभीर हो गई है। हालांकि, चिकित्सा अधिकारियों ने इस संबंध में बेहतर करने का हर संभव प्रयास कर रहे है। खैर, आलाधिकारियों द्वारा चिकित्सकों को हर संभव सुविधाएं मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा है।

कर चुके शिकायतें
आर.डी.ए. के डाक्टरों ने पी.जी.आई. परिसर में इन सब परेशानियों को दूर करने की मांग की है। आर.डी.ए. के पदाधिकारी इस सम्बंध में कई बार आलाधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं। इसी क्रम में शिकायतों का दौर हॉस्टल सुपरिंटैंडैंट से शुरू होता है। इसके बाद वी.सी. डायरैक्टर व रजिस्ट्रार तक शिकायत कर चुके हैं। रैजीडैंट डाक्टरों ने बताया कि रविवार को सफाई कर्मचारी नहीं आते। इसके अलावा एक या दो दिन बीच में गैप मारने पर ही हालात बेकाबू हो जाते हैं।

नहीं हुई फॉगिंग
मच्छरों से रैजीडैंट डाक्टर खासे परेशान है। डाक्टरों को कहना है कि अभी तक डाक्टर के हॉस्टल में फॉङ्क्षगग नहीं करवाई गई है जिससे परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को इस तरह की परेशानियां पेश आएगी तो वे तनाव ग्रस्त हो जाएंगे जिससे की वे बेहतर सेवा नहीं दे पाएंगे। ऐसे में इन परेशानियों का हल होना जरूरी है।

इधर-उधर मास्क पर बोले डा. आदित्य भार्गव 
चीफ वार्डन डा. अदित्या भार्गव ने कहा कि पूरे विश्व पर संकट छाया हुआ है, सभी भारतवासी इस दुख की घड़ी में एक साथ मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे है। ऐसे में रैजीडैंट डाक्टरों को भी थोड़ा विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इधर-उधर मास्क न फैंकेंबल्कि परोपर डिस्पोज ऑफ करें। सफाई कर्मचारी बार-बार मास्क उठाने नहीं आ सकता, अपनी जिम्मेदारी भी समझें। संकट की घड़ी में सबका नैतिक कत्र्तव्य बनता है कि अपना कमरे की साफ-सफाई रखें। उन्होंने कहा कि यह समय एक दूसरे की मदद करने का है, न की एक दूसरे की बुराइयां निकालने का।

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