Edited By Rakhi Yadav, Updated: 25 Jul, 2018 11:36 AM

अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस की लाइफ लाइन कहा जाने वाला मुखबिर तंत्र अब फेल होता जा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि सीक्रेट सॢवस फंड यानी एस.एस. ...
रोहतक(किन्हा): अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस की लाइफ लाइन कहा जाने वाला मुखबिर तंत्र अब फेल होता जा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि सीक्रेट सॢवस फंड यानी एस.एस. मनी के लिए आने वाले 3 से 4 लाख रुपए का उपयोग सही दिशा में नहीं हो रहा। मुखबिरों को अपनी जेब से ही खर्च करके अपराधियों के बारे में जानकारी जुटानी पड़ती है। कई बार तो देखने में आता है कि मुखबिर मौके पर जाने की बजाय बंद कमरे में बैठे-बैठे ही जानकारी जुटाने का प्रयास करता है और वो इसमें सफल नहीं हो पाता जिसके चलते जिले में आपराधिक ग्राफ बढ़ता जा रहा है और पुलिस सांप निकलने के बाद लकीर पीटती रहती है।
सीके्रट सॢवस फंड में खेल की वजह से ही मुखबिर तंत्र फेल हो रहा है। अब ऐसे में अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस सॢवलांस का सहारा ले रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुखबिर से पुलिस को अपराधियों के बारे में काफी जानकारी मिलती है लेकिन पिछले कुछ समय से मुखबिर अपने पैसे से ही सारी जानकारी जुटाता है। पहले अच्छा काम करने पर मुखबिर को ईनाम मिलता था जबकि अब तो जेब खर्च भी नहीं मिलता। यही कारण है कि वर्तमान में कुछ मुखबिर शांत बैठे हैं।