Edited By Shivam, Updated: 25 Jul, 2018 04:17 PM
हरियाणा सरकार ने उच्चतम न्यायालय से आज अनुरोध किया कि वह सतलुज यमुना ङ्क्षलक (एसवाईएल) नहर पर पंजाब के साथ जारी मतभेद के मामले की जल्दी सुनवाई करे। इस मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए .एम. खानविलकर...
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने उच्चतम न्यायालय से आज अनुरोध किया कि वह सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर पंजाब के साथ जारी मतभेद के मामले की जल्दी सुनवाई करे। इस मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए .एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया गया।
पीठ ने हरियाणा सरकार के अधिवक्ता से कहा कि वह याचिका को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए न्यायालय के पंजीयक से संपर्क करे। इससे पहले न्यायालय ने केन्द्र को पंजाब-हरियाणा के बीच एसवाईएल को लेकर जारी मतभेद का सहमति से समाधान निकालने का रास्ता तलाशने का वक्त दिया था। इससे पहले 11 जुलाई को न्यायालय ने कहा था कि एसवाईएल नहर पर उसके फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना पंजाब और हरियाणा के लिए अनिवार्य है।
गौरतलब है कि पंजाब से अलग करके 1966 में हरियाणा राज्य का गठन किया गया। उसके बाद जल बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच 1981 में यह विवादित ङ्क्षलक नहर समझौता हुआ।