राहत भरी खबर: कोरोना वायरस की लड़ाई में सेफ जोन में नजर आने लगा हरियाणा!

Edited By Shivam, Updated: 29 Mar, 2020 10:50 PM

haryana started appearing in safe zone in the battle of corona virus

भौगोलिक स्थिति के लिहाज से दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से सटे हरियाणा राज्य ने कोरोना वायरस के संक्रमण में अब तक प्रभावी भूमिका दिखाते हुए सेफ जोन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। 17 मार्च को कोरोना का पहला पॉजीटिव केस आने के बाद रविवार सुबह तक पॉजीटिव...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): भौगोलिक स्थिति के लिहाज से दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से सटे हरियाणा राज्य ने कोरोना वायरस के संक्रमण में अब तक प्रभावी भूमिका दिखाते हुए सेफ जोन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। 17 मार्च को कोरोना का पहला पॉजीटिव केस आने के बाद रविवार सुबह तक पॉजीटिव मरीजों का आंकड़ा 21 तक पहुंच गया। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से अधिकारियों के साथ तालमेल कर बनाई गई बेहतर रणनीति का परिणाम है कि अब तक जहां 6 कोरोना पॉजीटिव मरीज ठीक हो गए हैं, वहीं अब कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों में भय का माहौल कम हुआ है।

खास बात यह है कि दिल्ली, पंजाब व राजस्थान की तुलना में हरियाणा ने इस दिशा में तेज गति से कदम उठाते हुए बेहतर परिणाम दिए हैं। इसके साथ ही लॉकडाऊन के दौरान शहर से लेकर गांवों में जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने, राशन देने एवं भोजन उपलब्ध करवाने में भी हरियाणा ने सकारात्मक पहल की है। यही वजह है कि लॉकडाऊन के बावजूद पूरे हरियाणा में किसी भी जगह पर लोगों को परेशानी की सूचना नहीं आई।

आंकड़ा कम होने से भय हुआ कम
गौरतलब है कि हरियाणा के गुरुग्राम में 17 मार्च को कोरोना का पहला पॉजीटिव मामला सामने आया था। इसके बाद गुरुग्राम में यह आंकड़ा 10 तक जबकि प्रदेश में 21 तक पहुंच गया है। प्रभावी लॉकडाऊन, बेहतर रणनीति एवं चिकित्सकों की लगातार असरकारक भूमिका का नतीजा रहा है कि हरियाणा के गुरुग्राम में कोरोना के 5, जबकि फरीदाबाद में 1 मरीज अब ठीक हो गए हैं। इन सभी 6 मरीजों की रिपोर्ट अब नैगेटिव आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से अफसरों संग समन्वय कर बेहतर रणनीति के चलते ही ऐसा संभव हो पाया है। कोरोना के 6 मरीजों के ठीक होने के बाद पूरे हरियाणा में एक सकारात्मक संदेश गया है और लोगों में भय भी कम हुआ है। 

अब तक यह है स्थिति
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को सुबह जारी बुलेटिन के अनुसार अब तक कुल 12,222 लोग विदेश से आए हैं। 12,470 सर्विलांस पर हैं, जिनमें से 645 लोग 28 दिन का पीरियड पूरा कर चुके हैं। 11 हजार 225 लोग अभी आइसोलेशन पर जबकि 215 अस्पतालों में दाखिल हैं। अब तक कुल भेजे गए 627 सैंपल में से 21 पॉजीटिव, जबकि 455 नैगेटिव पाए गए हैं। शेष की रिपोर्ट आनी बाकी है। इनमें अब तक 6 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। 

लॉकडाऊन में जनमानस को ऐसे दी जा रही है राहत
लॉकडाऊन के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के दिशा-निर्देश के अनुससार एक प्रभावी रणनीति के तहत हरियाणा के 22 जिलों में धरातल पर काम किया जा रहा है। शैड्यूल बनाकर सब्जियों, दवाइयों, किरयाणा की दुकानों को खोला जा रहा है। पुलिस की ओर से नाके लगाकर बाहर से आने वाले वाहनों पर निगाहें रखी जा रही हैं। विदेश से आने वाले लोग राडार पर हैं। वहीं प्रवासी मजदूरों एवं दूसरे प्रदेश एवं अन्य जगहों से आए लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। 

हरियाणा सरल पर पास की सुविधा के लिए संबंधित उपमंडलाधीश को अधिकृत कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद हजारों लोग जिनमें प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक है, अपने-अपने घरों तक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को लॉकडाऊन में 1 हजार रुपए प्रति सहायता राशि उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। श्रमिक निर्धारित आवेदन श्रम एवं कल्याण विभाग में जमा करवा सकते हैं। 

इस पूरी प्रक्रिया में श्रमिकों के बैंक खाते में राशि डाली जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के साढ़े 8 लाख गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के अलावा सामान्य परिवारों को भी उचित मात्रा में राशन देने की तैयारी की गई है। स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से भी लोगों को राशन बांटा जा रहा है। सभी जिलों में राशन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

राहत कोष में आ रहा अनुदान
वहीं कोरोना वायरस को लेकर बनाए गए राहत कोष में भी जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी संस्थाएं अनुदान देने के लिए आगे आ रही हैं। इस कड़ी में स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने निजी कोष से 5 रुपए की राशि दी तो वहीं उनके अलावा सभी सरकार के सभी मंत्रियों व विधायकों ने एक माह का वेतन भी सहयोग के रूप में दिया है। इसके अलावा जजपा की ओर से 51 लाख रुपए, विधायक अभय सिंह चौटाला ने 5 लाख, विधायक गोपाल कांडा ने 11 लाख तथा कांग्रेस के विधायकों ने एक माह का वेतन मदद के रूप में राहत कोष में जमा करवाया है। वहीं डेरा ब्यास के प्रबंधकों ने 1 करोड़ रुपए की राशि दी। प्रदेश के सभी सांसदों ने भी अपनी संसदीय निधि कोष से सहयोग राशि जमा करवाई है।

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