बल्क में निकले वेस्ट की प्रोसैसिंग करवाकर बनवाएं कम्पोस्ट खाद : ढेसी

Edited By Pooja Saini, Updated: 19 Jun, 2019 03:28 PM

compost fodder by making processing of bulk made of west dhesi

हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने मंगलवार को प्रदेश के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफैंसिंग कर सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट...

करनाल(पांडेय): हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने मंगलवार को प्रदेश के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफैंसिंग कर सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट रूल-2016 के क्रियान्वयन विशेषकर बल्क वेस्ट जैनरेशन के निस्तारण को लेकर की गई प्रगति की समीक्षा की और कहा कि इसकी रिपोर्ट सरकार के मैनेजमैंट इन्फोर्मेशन सिस्टम यानि एम.आई.एस. पोर्टल पर जल्द से जल्द अपलोड करवाएं। बता दें कि मुख्य सचिव द्वारा बीती 4 अप्रैल को इस संबंध में करनाल में उपायुक्तों के साथ एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की थी।

जिसमें सभी तरह के वेस्ट के उचित प्रबंधन के साथ-साथ प्रदेश के कुछ शहरों, कस्बों व गांवों को चुनकर वहां ठोस व तरल कचरा के प्रबंधन तथा सूचना, शिक्षा व संचार गतिविधियां चलाकर मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए गए थे। वर्कशॉप में उपायुक्तों को कहा था कि वह अपने-अपने जिलों में नगराधीश को इसका नोडल अधिकारी बनाकर पर्यावरणीय मानदंडों की मॉनीटरिंग भी करेंगे। वीडियो कांफ्रैंस में मुख्य सचिव ने उपायुक्तों से कहा कि वह बल्क वेस्ट जैनरेशन और इसके प्रबंधन पर तवज्जो बढ़ाएं, जहां-जहां बल्क में वेस्ट निकलता है उसकी प्रोसैसिंग करवाकर कम्पोस्ट बनवाएं।

सभी जिलों में होटल, ढाबे, बैंक्वेट हॉल, उद्योग व शिक्षण संस्थाएं मौजूद हैं जहां प्रतिदिन बल्क में वेस्ट निकलता है, ऐसे प्रतिष्ठान या संस्थाएं चाहे तो मशीन खरीदकर कम्पोस्ट बना सकते हैं अन्यथा अपने-अपने परिसरों में पिट बनवाकर उसमें कम्पोस्ट खाद बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलों में बल्क वेस्ट जैनरेट करने वाले होटल या शिक्षण संस्थान आदि की पहचान कर उनके प्रबंधकों की मीटिंग बुलाएं, उन्हें कचरे के निस्तारण बारे जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सोर्स एग्रीगेशन को शत-प्रतिशत रूप से सुनिश्चित बनाएं। घर-घर से ठोस व तरल कचरा अलग-अलग ही एकत्र करवाएं और उसे मैनेजमेंट प्लांट तक पहुंचाएं ताकि तरल कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाई जा सके और ठोस व प्लास्टिक जैसे कचरे को रिसाइकिल में लिया जा सके। उपायुक्त करनाल ने बताया कि करनाल अर्बन में बल्क में वेस्ट जैनरेट करने वाले करीब 50 होटल, ढाबे व अस्पताल की पहचान की थी, इनमें कम्पोस्ट पिट बनवाई हैं।

शिक्षण संस्थाओं में भी अध्यापकों व विद्यार्थियों को जागरूक कर इस तरह की पिट बनवाई गई हैं। इंद्री ब्लॉक में 6 गांव चुनकर पंजोखरा गांव में एक कलस्टर बनाया है। जहां ठोस व तरल कचरा प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। वीडियो कांफ्रैंस के बाद उपायुक्त ने सभी नगरपालिकाओं के सचिवों को निर्देश दिए कि बल्क वेस्ट जैनरेशन की परिभाषा को समझें, जरूरी नहीं कि एक दिन में 100 किलोग्राम वेस्ट निकलने को ही बल्क वेस्ट माना जाए बल्कि 50, 25, 15 और यहां तक की 10 किलोग्राम वेस्ट को भी बल्क वेस्ट जैनरेशन मानकर वहां के कचरे का निस्तारण करवाया जा सकता है। वीडियो कांफ्रैंस में नगरनिगम आयुक्त राजीव मेहता व नगराधीश नवीन आहूजा मौजूद रहे।

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